मोहन भागवत ने दशहरा पर लिंचिंग की बात क्यों की? क्या लिंचिंग पर उनका बयान आपत्तिजनक नहीं है? क्या यह साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश नहीं है? क्या लिंचिंग विदेशी शब्द है और यह हिंदू धर्म को बदनाम करने की कोशिश है? और हिंदू राष्ट्र के बारे में उन्होंने क्या कहा? सत्य हिंदी पर देखिए 'आशुतोष की बात'।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।