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इमरान की ‘नो बॉल’ की धज्जियाँ उड़ा दीं मुहम्मद कैफ़ ने

इमरान ख़ान जिसे गुगली समझ रहे थे आज भारतीय क्रिकेटर मुहम्मद कैफ़ ने उसी पर छक्का उड़ाकर बता दिया कि भाई साहब आपने ‘नो बॉल’ फेंकी थी! 

दरअसल, नसीरुद्दीन शाह के बयान को लेकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान आज फिर बोले। उन्होंने ट्वीट कर अपनी वही बात फिर दोहराई कि पाकिस्तान में हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारे यहाँ अल्पसंखयकों के साथ बराबरी का बर्ताव हो, न कि जैसा भारत में होता है।

भारतीय क्रिकेटर मुहम्मद कैफ़ ने इमरान ख़ान को ट्विटर पर ही करारा जवाब दिया और कहा कि पाकिस्तान कौन होता है भारत के अल्पसंख्यकों की चिंता करने वाला। 

कैफ़ ने कहा, ‘विभाजन के समय पाकिस्तान में क़रीब 20 प्रतिशत अल्पसंख्यक थे, लेकिन अब सिर्फ़ दो प्रतिशत बचे हैं। जबकि भारत में आज़ादी के बाद अल्पसंख्यकों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी हुई है। पाकिस्तान आख़िरी देश होगा जो लेक्चर दे कि अल्पसंख्यकों से कैसा व्यवहार किया जाए।’

अपने देश के मुद्दे देखें इमरान : नसीर

इमरान इसके पहले भी नसीरुद्दीन शाह के मामले पर अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर भारत की आलोचना कर चुके थे। तब ख़ुद नसीरुद्दीन शाह ने इमरान के बयान की तीखी आलोचना करते हुए द इंडियन एक्सप्रेस से कहा था कि ‘मुझे लगता है कि मिस्टर ख़ान को उन मुद्दों पर ही बात करनी चाहिए, जो उनके देश से जुड़े हैं। उन्हें ऐसे मुद्दों के बीच में नहीं आना चाहिए, जिनसे उनका कोई वास्ता नहीं। हमारे देश में 70 सालों से लोकतंत्र है और हम जानते हैं कि हमें इन मुद्दों को कैसे सुलझाना है।’

ख़ान साहब हमसे अल्पसंख्यक अधिकार सीखें : ओवैसी

मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी इमरान के बयान की कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा था, ‘पाकिस्तानी संविधान के अनुसार, वहाँ केवल मुसलमान ही राष्ट्रपति बन सकते हैं। लेकिन भारत में वंचित समुदायों के कई राष्ट्रपति रहे हैं। ख़ान साहब को हमसे समावेशी राजनीति और अल्पसंख्यक अधिकारों के बारे में सीखना चाहिए।’

इमरान ने क्यों दिया था भारत पर बयान?

इस पूरे मामले की शुरुआत ऐक्टर नसीरुद्दीन शाह के बयान से तब हुई थी जब नसीर ने देश के हालात पर चिंता जताते हुए कहा था कि वह अपने बच्चों को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने बुलंदशहर का ज़िक्र करते हुए कहा था कि इंसान की हत्या की जगह गाय की हत्या को तरजीह दी जा रही है। उन्होंने कहा था कि देश में ऐसे हालात पर डर नहीं लगता है, बल्कि ग़ुस्सा आता है। 

इसी के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा था कि वह हिंदुस्तान को दिखाएँगे कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसे बर्ताव करना चाहिए। इसके बाद कई लोगों ने इमरान की आलोचना की थी और पाकिस्तान में हिंदुओं की स्थिति की सच्चाई बताई थी।

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क़मर वहीद नक़वी
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