प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने कोरोना टीका लेने में सांसदों व विधायकों को प्राथमिकता देने से साफ इनकार करते हुए कहा है कि वे अपनी बारी का इंतजार करें।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक में कहा कि सांसद व विधायक कोरोना टीका लगवाने के लिए लाइन तोड़ कर बीच में न कूदें, बल्कि अपनी बारी का इंतजार करें। एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से ख़बर से यह ख़बर दी है।
'अपनी बारी का इंतजार करें'
बता दें कि केंद्र सरकार ने कोरोना टीकाकरण में स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिसकर्मी, सफाई कर्मचारी, सिविल डिफ़ेन्स के लोगों जैसे अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को प्राथमिकता देने का फ़ैसला किया है। इसके तहत सबसे पहले एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों और दो करोड़ अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को टीका दिया जाएगा।
एनडीटीवी के अनुसार, बैठक में हरियाणा सरकार के प्रतिनिधि ने कहा कि सांसद व विधायक जैसे जन प्रतिनिधियों को पहले चरण में ही टीका दिया जाए। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें अपनी बारी का इंतजार करना चाहिए।
हरियाणा सरकार की माँग
इसके पहले मुख्यमंत्रियों के साथ 24 नवंबर को हुई बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यही मांग की थी, मोदी ने कोई उत्तर नहीं दिया था।
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर यही मांग की थी।
मोदी ने यह भी कहा कि पहले चरण में जिन तीन करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन दिया जाएगा, उसका खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। इसके बाद 50 साल से अधिक की उम्र के 27 करोड़ लोगों को टीका दिया जाएगा।
सबको मुफ़्त टीका नहीं
यह साफ है कि देश के सभी नागरिकों को मुफ़्त कोरोना वैक्सीन देने का वायदा प्रधानमंत्री ने नहीं किया है। यह महत्वपूर्ण इसलिए है कि कोरोना वैक्सीन पर पहले से चल रही राजनीति और तेज़ हो गई है।
बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में एलान किया था कि राज्य के सभी लोगों को मुफ़्त कोरोना टीका दिया जाएगा। इस पर उसकी ज़ोरदार आलोचना हुई तो स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना टीका देश के हर नागरिक को मुफ़्त मिलेगा।
केंद्र सरकार ने सीरम इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया में बने ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन की 1.10 करोड़ खुराक का ऑर्डर दे दिया है। हर टीके की कीमत 210 रुपए है।
बंगाल में कोरोना पर राजनीति
बीते दिनों कोरोना टीका पर ज़ोरदार राजनीति हुई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एलान किया कि उनकी सरकार राज्य के हर नागरिक को मुफ़्त कोरोना टीका देगी।
इस पर राज्य बीजेपी ने उन पर पलटवार करते हुए लोगों को भ्रम में डालने का आरोप लगाया। पश्चिम बंगाल बीजेपी ने कहा कि केंद्र सरकार जब हर नागरिक को मुफ़्त टीका देगी ही तो राज्य सरकार के एलान का क्या मतलब है।
पश्चिम बंगाल में इस साल मई में राज्य विधानसभा का चुनाव है। इसके ठीक पहले ममता बनर्जी के इस एलान से तिलमिलाई बीजेपी ने उन पर ज़ोरदार हमला बोल दिया। राज्य बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि केंद्र सरकार ने पहले ही देश भर में फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए मुफ़्त टीकाकरण की घोषणा कर दी है, ममता सरकार इसका श्रेय लेने की कोशिश में है।
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी ममता बनर्जी पर ऐसा ही आरोप लगाया और कहा कि बेशर्मी की कोई सीमा नहीं है।
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा है कि ममता बनर्जी इस मामले में राजनीति कर रही हैं, झूठ बोलने के बजाय उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चावल की चोरी की तरह वैक्सीन की चोरी न हो।
कांग्रेस ने भी ममता पर हमला बोला। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि ममता सरकार को पता है कि उसके दिन गिने-चुने रह गए हैं, ऐसे में इस तरह की घोषणाएं उसकी हताशा को दिखाती हैं और वह लोगों को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रही है।
टीकाकरण का पूर्वाभ्यास
भारत में टीकाकरण 16 जनवरी को शुरू किया जाएगा। इसके लिए 'ड्राइ रन' यानी पूर्वाभ्यास कर लिया गया है। यह पूर्वाभ्यास यह देखने के लिए किया गया कि वैक्सीन को स्टोर करने, एक जगह से दूसरी जगह ले जाने, सुरक्षित रखने जैसी व्यवस्था दुरुस्त है या नहीं।
राष्ट्रव्यापी ड्राई रन 8 जनवरी को 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 736 ज़िलों के तीन-सत्र स्थलों पर आयोजित किया गया। इससे पहले 2 जनवरी को पूरे देश में ड्राई रन आयोजित किया गया था। उससे भी पाँच दिन पहले 28 दिसंबर को चार राज्यों में दो दिन के लिए ड्राई रन किया गया था।
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