कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को अमेरिका में एक भाषण के दौरान कहा कि भारत ऐसे लोगों के समूह द्वारा चलाया जा रहा है जो 'पूरी तरह से आश्वस्त' हैं कि वे सब कुछ जानते हैं। वे भगवान के साथ बैठ सकते हैं और उन्हें तमाम चीजों के बारे में समझा सकते हैं। भारत के प्रधानमंत्री 'एक ऐसा ही नमूना' हैं। राहुल ने कहा-
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मुझे लगता है कि अगर आप मोदीजी को भगवान के बगल में बिठाते हैं, तो मोदीजी भगवान को समझाना शुरू कर देंगे कि ब्रह्मांड कैसे काम करता है।
-राहुल गांधी, कांग्रेस नेता, सैन फ्रांसिसको में, 31 मई 2023 सोर्सः कांग्रेस
राहलु गांधी ने कहा- भारत में ऐसे लोगों का समूह है जो सब कुछ समझने का दावा करता है। वे वैज्ञानिकों को विज्ञान, इतिहासकारों को इतिहास, सेना को युद्ध के बारे में समझा सकते हैं .. और हकीकत ये है कि उनके दिल औसत दर्जे के हैं, वे वास्तव में कुछ भी नहीं समझा सकते हैं। क्योंकि जीवन में, आप कुछ भी नहीं समझ सकते अगर आप सुनने को तैयार नहीं हैं।"
राहुल गांधी ने कहा कि गरीब और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग आज अपने आप को असहाय महसूस करते हैं। भारतीय एक-दूसरे से नफरत करने में विश्वास नहीं रखते। सिस्टम और मीडिया को नियंत्रित करने वाले लोगों का एक छोटा समूह नफरत की आग भड़का रहा है।
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में प्रवासी भारतीयों से अपील करते हुए कहा कि भारत ने किसी भी विचार को खारिज नहीं किया है। आप जिस भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं, वह भारत है। यदि आप इन मूल्यों से सहमत नहीं होते तो आप यहां नहीं होते। यदि आप क्रोध, घृणा और अहंकार में विश्वास करते हैं, तो आप भाजपा की बैठक में बैठे होते और मैं 'मन की बात' कर रहा होता। इसलिए यहां तिरंगा फहराने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।"
राहुल गांधी ने कहा, "अब उन्होंने मुझसे आपके सवालों का जवाब मांगा है। बीजेपी में भी ऐसा नहीं होगा। कोई सवाल नहीं, सिर्फ जवाब।"
राहुल गांधी अमेरिका की 10 दिवसीय यात्रा पर हैं, उनका पहला पड़ाव सैन फ्रांसिस्को है। अगले दो वाशिंगटन डीसी और न्यूयॉर्क में होंगे। राहुल गांधी की पिछली विदेश यात्रा जो ब्रिटेन की थी, ने भारत में एक बड़े विवाद को जन्म दिया क्योंकि उस समय के सांसद राहुल पर विदेशी धरती पर भारतीय लोकतंत्र का अपमान करने का आरोप लगाया गया था।
क्या आप खुश नहीं हैं कि मैं झुका नहीं: राहुल
राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी और उनकी सरकार बेरोजगारी, महंगाई, गुस्से और नफरत के प्रसार और चरमराती शिक्षा व्यवस्था जैसे मुद्दों का समाधान नहीं कर सकती है। राहुल गांधी ने सेंगोल विवाद का जिक्र करते हुए कहा, "भाजपा वास्तव में इन मुद्दों पर चर्चा नहीं कर सकती है, इसलिए वो राजदंड लेकर आए। आप झुकना और वह सब करना जानते हैं। क्या आप खुश नहीं हैं कि मैं झूठ नहीं बोल रहा हूं, मैं झुका नहीं।"एजेंसियों के दुरुपयोग का मामला उठाया
राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह लोगों को "धमकी" दे रही है और देश की एजेंसियों का "दुरुपयोग" कर रही है। कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में एक कार्यक्रम में गांधी ने कहा कि भाजपा और आरएसएस भारत में राजनीति के सभी उपकरणों को नियंत्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपनी 'भारत जोड़ो यात्रा' शुरू करने से पहले, उन्होंने महसूस किया कि ऐतिहासिक रूप से राजनीति में इस्तेमाल होने वाले सामान्य उपकरण अब काम नहीं कर रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा इसलिए शुरू हुई क्योंकि लोगों से जुड़ने के लिए हमें जिन सभी साधनों की जरूरत थी, वे सभी भाजपा-आरएसएस द्वारा नियंत्रित थे।"
भारत जोड़ो यात्रा पर भी बोले
राहुल गांधी ने कहा कि उनकी भारत जोड़ो यात्रा को रोकने की कोशिश की गई थी। उन्होंने कहा, "हम यह भी महसूस कर रहे थे कि किसी तरह राजनीतिक रूप से कार्य करना काफी कठिन हो गया था। और इसीलिए हमने भारत के सबसे दक्षिणी सिरे से श्रीनगर तक चलने का फैसला किया। यात्रा में स्नेह, सम्मान और विनम्रता की भावना मिली। उन्होंने कहा, "अगर कोई इतिहास का अध्ययन करे, तो देख सकता है कि गुरु नानक देव जी, गुरु बसवन्ना जी, नारायण गुरु जी सहित सभी आध्यात्मिक नेताओं ने देश को एक समान तरीके से एकजुट किया।" राहुल गांधी ने कहा कि भारत वह नहीं है जो मीडिया में दिखाया जा रहा है, जो एक राजनीतिक नेरेटिव को बढ़ावा देना पसंद करता है जो वास्तविकता से बहुत दूर है।
उन्होंने कहा, "यात्रा में मेरे लिए यह बहुत स्पष्ट था कि इन चीजों को पेश करना मीडिया के हित में है, इससे भाजपा को मदद मिलती है। इसलिए, यह मत सोचिए कि मीडिया में आप जो कुछ भी देखते हैं वह सच है। मीडिया एक विशेष कहानी दिखाना पसंद करता है। यह एक राजनीतिक कथा को बढ़ावा देना पसंद करता है जो वास्तव में भारत में नहीं चल रहा है।"
सेंगोल विवाद
राहुल ने अपने भाषणों में कई जगह सेंगोल का जिक्र किया है। संक्षेप में बताते चलें कि सेंगोल विवाद क्या है। नए संसद भवन के उद्घाटन के साथ सेंगोल सामने आया था। जिसे 1947 में अंग्रेजों से भारत में सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बताया गया। लेकिन उस कहानी को फर्जी बताया गया। उसके तमाम साक्ष्य मौजूद हैं। यह सेंगोल प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को गिफ्ट में मिला था, जिसे उन्होंने इलाहाबाद के एक संग्रहालय में रखवा दिया था। लेकिन सेंगोल को अब नए संसद भवन में स्थापित किया गया है। भाजपा ने इसका जोरशोर से प्रचार किया था। कांग्रेस ने कहा कि सेंगोल के सत्ता हस्तांतरण से जुड़े होने का कोई सबूत नहीं है।
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