प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन वोट के लिए अपने वोट बैंक के सामने 'मुजरा' (नृत्य) भले ही कर सकता है, लेकिन वह उन्हें एससी/एसटी को दिए गए आरक्षण लाभ को छीनने नहीं देंगे। यह आरक्षण भारतीय संविधान ने एसटी/ओबीसी समुदाय को दिया है। हालांकि मोदी का मुजरे वाला बयान स्तरहीन है और इंडिया गठबंधन की किसी भी पार्टी ने कभी नहीं कहा कि वे एससी/एसटी और ओबीसी को दिए गए आरक्षण को छीन लेंगे। बल्कि संविधान में बदलाव के लिए 400 पार का नारा भाजपा की ओर से दिया गया। विपक्ष का आरोप है कि भाजपा तीसरी बार सत्ता में आई तो वो संविधान बदलकर आरक्षण खत्म कर देगी। अब वही आरोप मोदी विपक्ष पर लगा रहे हैं।
'म' से मंगलसूत्र, मछली, मन्दिर, मस्जिद, मटन के बाद अब साहब से शब्दकोश में से 'मुजरा' निकला है!
— Alka Lamba 🇮🇳 (@LambaAlka) May 25, 2024
ये ऐसा शब्दकोष है जिसमें फिजूल और ध्रुवीकरण पैदा करने वाले सारे शब्द लिखे हैं लेकिन 'महिला सुरक्षा', 'महंगाई' और 'मुद्दे' गायब हैं! pic.twitter.com/vkyohZCKvQ
बिहार के पाटलिपुत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि इंडिया गठबंधन अपने वोट बैंक की गुलामी स्वीकार करने के लिए स्वतंत्र है लेकिन उनके (भाजपा) लिए संविधान सर्वोच्च है।
आज प्रधानमंत्री के मुँह से ‘मुजरा’ शब्द सुना। मोदी जी, ये क्या हाल बना रखा है?
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) May 25, 2024
कुछ लेते क्यों नहीं?
अमित शाह व जेपी नड्डा जी को चाहिए इनका तुरंत इलाज़ करवाएँ।
शायद धूप में प्रचार करने से दिमाग़ पर कुछ ज़्यादा ही असर हो गया है। pic.twitter.com/kfwfb09w7s
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया कि अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए कांग्रेस ने अल्पसंख्यक संस्थानों से जुड़े कानून को बदल दिया। उन्होंने कहा, "हजारों संस्थानों को अल्पसंख्यक संस्थान घोषित कर दिया गया। पहले, एससी/एसटी/ओबीसी को इन संस्थानों में प्रवेश के दौरान पूर्ण आरक्षण मिलता था।" यहां बताना जरूरी है कि मोदी का यह बयान गलत और तथ्यात्मक नहीं है। एएमयू और जामिया मिल्लिया इस्लामिया जैसे संस्थान सेंट्रल यूनिवर्सिटी हैं। नियम यूजीसी के लागू होते हैं। स्थानीय लोग अच्छी तरह जानते हैं कि इन अल्पसंख्यक संस्थानों सहित अन्य संस्थानों में सभी सरकारी श्रेणी का आरक्षण लागू है। जामिया और एएमयू में भारी तादाद में गैर मुस्लिम छात्र-छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने दावा किया कि राजद-कांग्रेस गठबंधन धर्म के आधार पर अपने वोट बैंक को आरक्षण देना चाहता है।मोदी ने कहा कि भारत का संविधान सरकारों को धर्म के आधार पर सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण देने से रोकता है।
मोदी ने कहा- "हमारा संविधान कहता है कि भारत में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा। बाबा साहब अंबेडकर कहते थे कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा...लेकिन आरजेडी-कांग्रेस आरक्षण खत्म कर धर्म के आधार पर अपने वोट बैंक को एससी/एसटी/ओबीसी का कोटा देना चाहते हैं।"
लालटेन का मजाक उड़ायाः मोदी ने आरजेडी के चुनाव निशान लालटेन का मजाक उड़ाया। मोदी ने कहा - "यह एलईडी बल्ब का युग है और बिहार में लोग लालटेन लेकर घूम रहे हैं। यह एक लालटेन है जो सिर्फ एक घर को रोशन करता है। इस लालटेन ने पूरे बिहार में अंधेरा फैला दिया है।" हालांकि बिहार या अन्य जगहों पर जिन गरीबों के घर में आज भी लालटेन या दीया जलता है, वो मोदी के तंज को अच्छी तरह समझ रहे होंगे।
इस महीने, एक इंटरव्यू में, उन्होंने स्पष्ट किया कि यह टिप्पणी विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय पर निर्देशित नहीं थी। उन्होंने कहा कि वह कभी भी ''हिंदू-मुस्लिम'' (सांप्रदायिक राजनीति) नहीं करेंगे। लेकिन इंडियन एक्सप्रेस ने अभी हाल में बताया था कि 15 मई तक मोदी चुनावी रैलियों में 111 भाषण दे चुके थे, जिनमें 60 फीसदी से ज्यादा बार मुस्लिमों पर हमला किया गया था। मोदी ने ध्रुवीकरण की सारी हदें पार कर दीं।
प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा ‘मुजरा’ शब्द के बयान पर @SupriyaShrinate का उनको करारा जवाब।👇 pic.twitter.com/YWefe9k2LN
— INC TV (@INC_Television) May 25, 2024
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