सरकार ने बुधवार को इस साल के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी बढ़ाने की घोषणा की है। इसने कहा है कि 2022-23 फ़सल वर्ष के लिए धान का एमएसपी 100 रुपये बढ़ाकर 2,040 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति यानी सीसीईए ने 2022-23 फसल वर्ष के लिए सभी अनिवार्य खरीफ फ़सलों के लिए एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी। वैसे, मोदी सरकार लगातार वादा करती रही है कि किसानों की आय 2022 तक दोगुनी कर दी जाएगी। लेकिन क्या ऐसा हुआ, इसका जवाब नहीं दिया गया है। धान पर 100 रुपये की बढ़ोतरी से सवाल भी उठ रहा है कि क्या इस रक़म से किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी?
बहरहाल, सामान्य किस्म के धान का एमएसपी 2022-23 फसल वर्ष के लिए पिछले वर्ष के 1,940 रुपये से बढ़ाकर 2,040 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। धान की 'ए' ग्रेड किस्म का समर्थन मूल्य 1,960 रुपये से बढ़ाकर 2,060 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
सरकार की इस घोषणा पर किसान यूनियन बीकेयू के नेता राकेश टिकैत ने बढ़ोतरी को अपर्याप्त बताया है और कहा है कि एमएसपी में मामूली बढ़ोतरी किसानों से धोखा है। उन्होंने धान पर 100 रुपये की बढ़ोतरी को मजाक करार दिया।
खरीफ की फसलों के एमएसपी में मामूली वृद्धि किसानों से धोखा है। धान के लिए मात्र 100 रुपये की वृद्धि मजाक है। तिलहन का किसान भी हताश है. #BKU की पहले से मांग है कि c2+50 के फार्मूले से #MSP_Guarantee कानून नहीं बनेगा तब तक किसान तंगहाल ही रहेगा। @ANI @PTI_News @USDA @PMOIndia pic.twitter.com/pw0VuD798r
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) June 8, 2022
बहरहाल, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा, 'आज की कैबिनेट बैठक में 14 खरीफ फ़सलों के एमएसपी को मंजूरी दी गई।'
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