कई राज्य सरकारें लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में हैं, जिनमें ग़ैर-बीजेपी शासित राज्य भी हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. सी. राव ने तो खुले आम केंद्र सरकार से आग्रह कर दिया कि लॉकडाउन को बढ़ा दिया जाए।
तेलंगाना
तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख ने कहा कि देश की बेहद ख़राब स्वास्थ्य सुविधाओं को देखते हुए कोरोना वायरस को फैलने से रोक पाना बेहद मुश्किल होगा। राव ने कहा, ‘हम आर्थिक दिक्क़तों से उबर सकते हैं लेकिन हम ज़िंदगियों को वापस नहीं ला सकते।' राव ने कहा कि भारत के पास इस वायरस से लड़ने का कोई दूसरा हथियार नहीं है।राजस्थान
उधर, कांग्रेस प्रशासित राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी फिलहाल लाकडाउन हटाने के पक्ष में नहीं है। वह कहते है कि चरणबद्ध तरीक़े से हटाने के बारें में सोचा जा सकता है। उन्होंने पत्रकारों से कहा :“
‘हम अभी तुरन्त लॉकडाउन ख़त्म नहीं कर सकते। यह कई चरणों में किया जा सकता है।’
अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान
असम
बीजेपी प्रशासित असम सरकार में वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सर्मा ने एनडीटीवी से कहा, ‘हम नहीं चाहते कि 15 अप्रैल को यकायक सबकुछ खोल दिया जाए। हम चाहते हैं कि यह सुनियोजित और वैज्ञानिक तरीके से हो ताकि लॉकडाउन से जो कुछ हासिल हुआ, वह एकदम बेकार न हो जाए।’कर्नाटक
इसी तरह कर्नाटक सरकार भी चाहती है कि लॉकडाउन फौरन न हटाया जाये। वह इसे धीरे धीरे हटाने के पक्ष में है। राज्य के मंत्री सुधाकर के. ने एनडीटीवी से कहा :“
‘जहाँ जहाँ रेड अलर्ट है और इलाक़े बँटे हुए हैं, वहां लॉकडाउन कम से कम दो हफ़्ते और रहना चाहिए। मैं केंद्र सरकार से गुजारिश करूंगा कि वह तब तक लॉकडाउन रहने दे।’
सुधाकर के., स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री,कर्नाटक
उत्तर प्रदेश
उधर, उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संकेत दिया है कि 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन नहीं हटाया जाएगा। उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने एनडीटीवी से कहा : 'हम लॉकडाउन उसी समय ख़त्म करेंगे जब हम यह सुनिश्चित कर लेंगे कि राज्य पूरी तरह कोरोना मुक्त हो चुका है।'उत्तर प्रदेश के इस अफ़सर ने कहा, 'यदि एक आदमी को भी कोरोना संक्रमण है तो लॉकडाउन हटाना मुश्किल होगा और यही वजह है कि इसमें समय लगेगा।
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