बेहद ख़राब आर्थिक हालात से गुजर रहे देश में अगर कोई उद्योगपति सरकार के सामने अपनी बात रखे और उसे यह भी बताए कि सरकार चला रही पार्टी की एक सांसद संसद में बापू के हत्यारे गोडसे को देशभक्त बता रही हैं, लिंचिंग के मामलों में कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही है, तो उन्होंने ऐसा क्या ग़लत कह दिया कि सरकार नाराज़ हो गई।
राहुल बजाज के बयान के बाद मोदी सरकार की किरकिरी होते देख बीजेपी की आईटी सेल मैदान में उतर आई। बीजेपी आईटी सेल के इंचार्ज अमित मानवीय ने ट्वीट कर कई वीडियो जारी किए जिनके द्वारा यह साबित करने की कोशिश की गई कि जब यूपीए सत्ता में थी तो उद्योगपतियों से बातचीत के दौरान राहुल बजाज ने कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी की तारीफ़ की थी।
If one had such fawning view of Rahul Gandhi, when he is an unmitigated disaster, then it is only natural to spin imaginary yarn and assume the worst for the current regime.
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 30, 2019
Truth be told - industrialists who flourished in the license raj will always be beholden to the Congress. pic.twitter.com/9sjSTRN9RZ
पहले आपको बताते हैं कि राहुल बजाज ने क्या कहा था। मुंबई में ‘द इकनॉमिक टाइम्स’ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बजाज ग्रुप के चेयरमैन राहुल बजाज ने कहा था, ‘हमारे उद्योगपति दोस्तों में से कोई नहीं बोलेगा, लेकिन मैं खुलकर बोलूंगा, एक माहौल बनाना होगा…जब यूपीए 2 केंद्र की सत्ता में थी तब हम किसी की भी आलोचना कर सकते थे, आप (सरकार) अच्छा काम कर रहे हैं, उसके बाद भी हम आपकी खुलकर आलोचना करें, यह कॉन्फिडेंस नहीं है कि आप इसे एप्रीशियट करेंगे।’ बजाज के बयान पर जवाब देते हुए मंच पर मौजूद अमित शाह ने कहा था कि किसी को भी डरने की ज़रूरत नहीं है। शाह ने कहा था कि अगर किसी ख़ास तरह का माहौल बन गया है तो हमें इस माहौल को सुधारने की कोशिश करनी होगी।
यह मामला यहीं शांत नहीं हुआ। देश के प्रमुख उद्योगपति और गृह मंत्री के इस संवाद में ऐसा कुछ भी नहीं था कि मंत्रियों को बीच में आने की ज़रूरत थी। लेकिन वे आए और एक केंद्रीय मंत्री ने इस ओर इशारा किया कि राहुल बजाज की कोशिश ‘झूठा दृष्टिकोण गढ़ने’ की थी।
बजाज के बयान पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर कहा, ‘राहुल बजाज ने जिन मुद्दों को उठाया, गृह मंत्री अमित शाह ने उनका जवाब दिया है। सवाल और आलोचनाओं को सुना जाता है और उनका जवाब भी दिया जाता है। अपनी धारणा फैलाने की जगह जवाब पाना हमेशा बेहतर रास्ता होता है और ऐसी बातों से राष्ट्रीय हितों को चोट पहुंच सकती है।’
Home Minister @AmitShah answers on how issues raised by Shri. Rahul Bajaj were addressed. Questions/criticisms are heard and answered/addressed. Always a better way to seek an answer than spreading one’s own impressions which, on gaining traction, can hurt national interest. https://t.co/WytSpyRyP6
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) December 1, 2019
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अमित शाह के ही बयान को दुहराते हुए कहा कि किसी को भी डरने की ज़रूरत नहीं है। गोयल ने कहा, ‘राहुल बजाज का सवाल सुनने के बाद मुझे शक है कि कोई भी उनके लोगों के डरे होने के दावे पर भरोसा करेगा।’
हरदीप पुरी ने भी दिया जवाब
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘दुनिया में ऐसे भी समाज हैं जो भय के साये में चलते हैं लेकिन एक ऐसा समाज जहां नागरिक झूठी कहानियों को गढ़ते हैं, सरकार पर कटाक्ष कर सकते हैं, इसे भय के साये में चलना नहीं कहा जा सकता।’ पुरी ने कहा, ‘राहुल बजाज ने अमित शाह के सामने खुलकर अपनी बात रखी और दूसरों को भी इसमें शामिल होने के लिए उकसाया, इससे पता चलता है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्य भारत में अभी जीवित हैं और यही लोकतंत्र है।’राहुल बजाज के बयान को लेकर रविवार को दिन भर सोशल मीडिया में हंगामा मचा रहा। कांग्रेस ने भी इस बयान को लपक लिया और कहा कि देश में कोई तो बोल रहा है। कांग्रेस ने कहा कि सिर्फ उद्योगपति ही नहीं, हर तबक़े में अर्थव्यवस्था को लेकर डर का माहौल है।
किरण मजुमदार का मिला साथ
राहुल बजाज को बायोकॉन की एमडी किरण मजुमदार शॉ का पूरा साथ मिला। किरण मजुमदार ने ट्वीट कर कहा, ‘उम्मीद है कि सरकार खपत और विकास को सही रास्ते पर लाने के लिए भारतीय उद्योग जगत तक पहुंचने की कोशिश करेगी।’ किरण मजुमदार ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि अभी तक हमसे दूरी बनाकर रखी गई है और सरकार अर्थव्यवस्था को लेकर कोई आलोचना नहीं सुनना चाहती है।
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