गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर
हार
गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर
हार
बाबूलाल मरांडी
बीजेपी - धनवार
जीत
तूफान मिचौंग और उसके बाद बाढ़ से तमिलनाडु में काफी तबाही हुई थी। इसी तरह कर्नाटक को सूखे का सामना करना पड़ा। राज्यों को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से फंड पाने का अधिकार है। लेकिन केंद्र सरकार ने लंबे समय से इसे लटका रखा था और फंड जारी नहीं कर रही थी। दोनों राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली।लेकिन अब मोदी सरकार ने इस घटनाक्रम के कुछ हफ्ते बाद "प्राकृतिक आपदा राहत सहायता" के नाम पर ₹3,730.32 करोड़ जारी करने का आदेश दिया है।
23 मार्च को, कर्नाटक सरकार ने सूखा राहत राशि जारी करने की मांग करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था क्योंकि पांच महीने पहले मंत्रालय की टीम द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंपने के बावजूद केंद्र ऐसा करने में नाकाम रहा था। इसी तरह इसी तरह, तमिलनाडु सरकार ने केंद्र सरकार को धन जारी करने का निर्देश देने की मांग करते हुए 3 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
केंद्र सरकार के आदेश में 1 अप्रैल, 2023 तक राज्य के राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) खाते में उपलब्ध 50% धनराशि के रूप में ₹44.60 करोड़ (कर्नाटक के लिए) और ₹406.57 करोड़ (तमिलनाडु के लिए) का जिक्र किया गया था।
आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 46 के अनुसार, "गंभीर प्रकृति की आपदा के मामले में एनडीआरएफ राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) की जगह ले लेता है, बशर्ते एसडीआरएफ में पर्याप्त धन उपलब्ध न हो।" राज्यों को फंड पाने के लिए उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा करना होता है, जिसके लंबित रहने पर भविष्य में कोई आवंटन नहीं किया जाता है।
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