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प्रियंका गांधी वाड्रा

अब FATF रिपोर्ट के बहाने गांधी परिवार पर सरकार का हमला

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की एक रिपोर्ट की आड़ में बीजेपी ने गांधी परिवार पर फिर हमला बोला है। इंडियन एक्सप्रेस ने आज मंगलवार को इस पर विस्तार से रिपोर्ट प्रकाशित की है। बीजेपी का बड़े से लेकर छुटभैया नेता कई दिनों से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को निशाना बना रहे हैं। एफएटीएफ रिपोर्ट में गांधी परिवार के किसी भी सदस्य का जिक्र नहीं है, लेकिन केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस रिपोर्ट का जिक्र करते हुए सीधे प्रियंका गांधी वाड्रा, सोनिया गांधी का नाम लिया है। महत्वपूर्ण यह है कि जिस घटना को जोड़कर बीजेपी ने सारी कहानी पेश की है, उस पर कांग्रेस प्रवक्ता और जाने-माने वकील पहले ही स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं। लेकिन एक गड़े मुर्दे को फिर से निकाला गया है।

राहुल गांधी ने अडानी समूह और पीएम मोदी को लेकर संसद में तीखा हमला बोला था। राहुल ने हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि किस तरह मोदी सरकार के समय में भ्रष्ट तरीके अपनाकर उद्योगपति गौतम अडानी ने अपना साम्राज्य बढ़ाया। इस घटनाक्रम के बाद राहुल पर बीजेपी के हमले बढ़ गए। इसके बाद राहुल गांधी लंदन गए और उन्होंने वहां कई भाषण दिए, जिनमें भारत के लोकतंत्र को खतरे में बताया। इस बयान को बीजेपी देशद्रोह बता रही है। बीजेपी के तमाम नेता राहुल गांधी पर केस चलाने और यहां तक कि गिरफ्तार चलाने की मांग कर रहे हैं। संसद का बजट सत्र लगातार ठप चल रहा है। सरकार एक तरफ अडानी का मुद्दा विपक्ष को उठाने नहीं दे रही है तो दूसरी तरफ राहुल के लंदन वाले बयान पर माफी की मांग हो रही है।
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ग्लोबल मनी लॉन्ड्रिंग और टेररिस्ट फाइनेंसिंग वॉचडॉग फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने अपनी ताजा रिपोर्ट में एक केस स्टडी को शामिल किया है। जिसमें किसी का नाम लिए बिना यस बैंक के पूर्व सीएमडी राणा कपूर पर ईडी की कार्रवाई और प्रियंका गांधी से पेंटिंग की खरीद में मनी लॉन्ड्रिंग के पैसे का इस्तेमाल का जिक्र है। फिर से स्पष्ट कर दें कि एफएटीएफ की केस स्टडी में राणा कपूर और प्रियंका गांधी वाड्रा का कोई जिक्र नहीं है।

FATF ने आरोपी को 'मिस्टर ए' कहा है। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह "बहुत शर्म की बात" है कि "गांधी परिवार के भ्रष्टाचार की कहानी" FATF रिपोर्ट का हिस्सा है। ईडी ने आरोप लगाया था कि राणा कपूर ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी से पेंटिंग खरीदी थी।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक एफएटीएफ ने 'मनी लॉन्ड्रिंग एंड टेररिस्ट फाइनेंसिंग इन द आर्ट्स एंड द एंटिक्स मार्केट' रिपोर्ट में आरोपी ए का उदाहरण दिया: मिस्टर ए एक भारतीय बैंक के एमडी और सीईओ थे जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अपने पद का दुरुपयोग किया। उन्होंने जानबूझकर मौजूदा मानदंडों और विनियमों का उल्लंघन करते हुए घाटे में चल रही या नकारात्मक क्रेडिट वाली व्यावसायिक संस्थाओं को 628 मिलियन अमरीकी डॉलर के बराबर के लोन दिए थे। 
रिपोर्ट में स्टडी का हवाला देते हुए कहा गया - यह खुलासा हुआ है कि संदिग्ध ने रिश्वत देने के लिए एक भ्रष्ट राजनेता के करीबी सहयोगी से 264,000 अमेरिकी डॉलर की कीमत पर बिना किसी वास्तविक मूल्य की पेंटिंग खरीदी।

इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि संयोग से, ईडी ने अपनी एक चार्जशीट में कहा था कि कपूर ने एजेंसी को बताया था कि उन्हें कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा से एम एफ हुसैन पेंटिंग को 2 करोड़ रुपये में खरीदने के लिए "मजबूर" किया गया था। उससे मिले पैसे का इस्तेमाल न्यूयॉर्क में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इलाज में किया गया। 
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक अनुराग ठाकुर ने कहा- एक के बाद एक कांग्रेस के भ्रष्टाचार के नए मॉडल सामने आ रहे हैं। कभी नेशनल हेराल्ड, कभी वाड्रा जमीन घोटाला, कभी कोई और। अब एफएटीएफ ने एक केस स्टडी प्रकाशित की है कि कैसे यूपीए सरकार में एक पूर्व केंद्रीय मंत्री ने प्रियंका गांधी वाड्रा की औसत पेंटिंग को 2 करोड़ रुपये में खरीदने के लिए एक व्यक्ति पर दबाव डाला। यह बहुत शर्म की बात है कि गांधी परिवार के भ्रष्टाचार की कहानी को एक केस स्टडी बनाकर पूरी दुनिया को बताया जा रहा है। वह भी एक ऐसे संगठन द्वारा जो आतंक के वित्त पोषण को रोकने का काम करता है।
इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि रिपोर्ट में न तो राणा कपूर का नाम है, न गांधी का, न ही यस बैंक का, लेकिन इसका विवरण कपूर केस से मेल खाता है। हालांकि, जांच से पता चला कि पेंटिंग का जो मूल्य राणा कपूर ने जांच एजेंसी को बताया था वो एक अति मूल्यांकन था, पेटिंग उस मूल्य की नहीं थी। राणा कपूर ने खुद के लिए प्रतिष्ठित भारतीय पुरस्कार 'पद्म भूषण' पाने के लिए इस तरह का आरोप लगाया था। बहरहाल, मिस्टर ए यानी राणा कपूर मार्च 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं। कपूर को ईडी ने मार्च 2020 में गिरफ्तार किया था। 
राणा कपूर ने ईडी को कथित तौर पर यह भी बताया था कि उसे तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने कहा था कि अगर वो एमएफ हुसैन की पेंटिंग खरीदने से इनकार करेगा तो न केवल उसे गांधी परिवार के नजदीक जाने से रोका जाएगा, बल्कि पद्म भूषण भी नहीं मिलेगा। ईडी की जांच से आगे पता चला कि कंपनी बी ने कंपनी सी सहित 79 शेल कंपनियों को ऋण दिया, जिसका नियंत्रण और स्वामित्व मिस्टर ए और उनकी बेटियों के पास था। कंपनी सी ने 79 मिलियन अमरीकी डॉलर प्राप्त किए और प्रसिद्ध चित्रकारों और प्रभावशाली लोगों से कला सहित संपत्ति खरीदने के लिए धन का कुछ हिस्सा इस्तेमाल किया। मिस्टर ए ने प्रसिद्ध कलाकारों की पेंटिंग खरीदने में महत्वपूर्ण राशि का निवेश किया। जांच से पता चला है कि उन्होंने लगभग 44 पेंटिंग खरीदी थीं।
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इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक दरअसल, ईडी ने आरोप लगाया है कि राणा कपूर और दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन ने संदिग्ध लेनदेन के माध्यम से 5,050 करोड़ रुपये की धनराशि की हेराफेरी की थी। ईडी ने ही राणा कपूर द्वारा 44 पेंटिंग्स खरीदने का भी जिक्र किया था।

कांग्रेस का स्पष्टीकरण

मार्च 2020 में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि 2010 में एम.एफ. हुसैन की पेंटिंग (जो एक पोट्रेट है) राणा कपूर को 2 करोड़ रुपये में बेची गई थी। पूरी राशि चेक में प्राप्त हुई थी और प्रियंका गांधी ने 2010 के आयकर रिटर्न में पूरी तरह से खुलासा किया था। सरकार बताए कि यस बैंक की लोन बुक 2 लाख करोड़ कैसे बढ़ी और सरकार तो यही थी। वो सो रही थी या उसकी मिलीभगत है?

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क़मर वहीद नक़वी
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