बीते दिनों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्रियों से बात की।
प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और संबंधित मंत्रालयों के तमाम आला अफसर भी बैठक में मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक में कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए जरूरी सभी स्वास्थ्य सुविधाएं चुस्त-दुरुस्त रहें। उन्होंने कहा कि शिक्षकों और अभिभावकों को भी कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जागरूक रहने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के साझा प्रयासों से ही आज देश में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हो पाया है। उन्होंने कहा कि विश्व में बन रहे हालात के बीच केंद्र और राज्यों के बीच संबंधों को बेहतर बनाना बेहद जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों का सेफ्टी ऑडिट हो जिससे अस्पतालों में आग लगने जैसी घटनाएं फिर से न हों।
प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों से पेट्रोल और डीजल पर वेट कम करने की भी अपील की।
प्रधानमंत्री इससे पहले भी कोरोना के मामले में मुख्यमंत्रियों के साथ ऐसी बैठक करते रहे हैं।
भारत में बीते कुछ दिनों में कोरोना ने रफ्तार पकड़ी है और यह आंकड़ा 24 घंटों में लगभग 3000 मामलों तक पहुंच गया है। बीते दिनों में दिल्ली-एनसीआर के भी कई स्कूलों में छोटे बच्चे कोरोना संक्रमित हुए थे। इसके बाद एहतियातन स्कूलों को बंद करना पड़ा था।
भारत में अब तक वैक्सीन की 188 करोड़ डोज लग चुकी हैं और एहतियात बरतते हुए अब 6 से 12 साल की उम्र के बच्चों को भी आने वाले कुछ वक्त में वैक्सीन लगाए जाने की तैयारी है।
18 साल से ऊपर की उम्र के लोगों को भी वरिष्ठ नागरिकों की तरह प्रीकॉशन डोज लग रही है।
चीन में कोरोना को लेकर हालात बिगड़ रहे हैं और वहां लाखों लोगों को एक बार फिर लॉकडाउन में रहने को मजबूर होना पड़ा है। भारत में बीते दिनों में बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्कता बेहद जरूरी है।
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