2015 में बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने सबसे पहले इस सवाल को उठाया था। स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि राहुल गाँधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है और उनकी भारतीय नागरिकता और संसद की सदस्यता को रद्द कर दिया जाए। इस मसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी। लेकिन अदालत ने इसकी सीबीआई जाँच कराने की माँग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। अदालत ने इस याचिका के साथ पेश किए गए दस्तावेज़ों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया था और याचिका को स्तरहीन बताया था।
इसके बाद जनवरी, 2016 में एक बार फिर इस मुद्दे को जिंदा किया गया। तब बीजेपी सांसद महेश गिरी ने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिख कर राहुल गाँधी की नागरिकता को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की माँग की थी। इस मामले को लोकसभा की एथिक्स कमेटी के पास भेजा गया था। इस कमेटी के अध्यक्ष वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी थे।
एथिक्स कमेटी ने राहुल से पूछा था कि क्या उन्होंने कभी ख़ुद को ब्रिटिश नागरिक घोषित किया था? समिति को दिए जवाब में राहुल ने कहा था कि ऐसा सिर्फ़ उनकी छवि को ख़राब करने के लिए किया जा रहा है।
राहुल ने अपने जवाब में कहा था कि उन्होंने कभी भी ब्रिटिश नागरिकता नहीं माँगी और वह सिर्फ़ भारतीय हैं। राहुल ने तब सुब्रमण्यन स्वामी को चुनौती देते हुए कहा था कि वह उनके ब्रिटिश नागरिक होने और उनके पासपोर्ट के संबंध में सबूत जारी करें।
सोनिया की नागरिकता पर भी उठाए थे सवाल
इसके बाद जुलाई 2016 में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गाँधी की नागरिकता को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता रमेश सिंह ने अपनी याचिका में कहा था कि ‘सिटीजन ऑफ इंडिया’ और ‘इंडियन सिटीजन’ दोनों अलग-अलग बातें हैं। सोनिया गाँधी ‘इंडियन सिटीजन’ हैं और उन्हें मतदाता के रूप में भी पंजीकृत नहीं किया जाना चहिए। लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी इस याचिका को ख़ारिज कर दिया था।
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क्या लिखा है नोटिस में
नोटिस में कहा गया है कि बीजेपी सांसद स्वामी ने शिकायत की है कि 2003 में ब्रिटेन में Backops लिमिटेड नाम से एक कंपनी का रजिस्ट्रेशन हुआ था। इस कंपनी का पता 51 साउथगेट स्ट्रीट, विंचेस्टर, हैंपशायर SO23 9EH है और राहुल इसके निदेशकों में से एक थे और सचिव भी थे। नोटिस में लिखा है कि स्वामी ने यह भी शिकायत की है कि कंपनी की ओर से 10-10-2005 और 31-10-2006 को फ़ाइल किए गए वार्षिक रिटर्न में राहुल गाँधी की जन्मतिथि 19-06-1970 और उनकी नागरिकता ब्रिटिश बताई गई है। यह भी कहा गया है कि 17-02-2009 को कंपनी को बंद करने के दौरान भी राहुल गाँधी की नागरिकता ब्रिटिश बताई गई है।ध्रुव लाल की ओर से कहा गया था कि राहुल गाँधी का असली नाम राउल विंची है और उनके पास ब्रिटिश नागरिकता है। आरोप लगाने वाले निर्दलीय प्रत्याशी ध्रुव लाल अमेठी के ही रहने वाले हैं। ध्रुव के वकीलों का दावा था कि राहुल गाँधी ने ग़लत दस्तावेज दिए हैं और निर्वाचन अधिकारी को गुमराह करने की कोशिश की।
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