केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बड़ा फ़ैसला लेते हुए नौ खालिस्तानी आतंकवादियों पर ग़ैर क़ानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम (यूएपीए) लगा दिया है। ये सभी आतंकवादी कट्टरपंथी संगठनों से जुड़े हुए हैं और भारत में वांटेड हैं। ये सभी भारत से बाहर हैं और अधिकतर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हैं।
इन आतंकवादियों पर आरोप है कि ये पंजाब में उग्रवाद को फिर से जिंदा करके माहौल ख़राब करने की कोशिश कर रहे हैं और इन्हें पृथक खालिस्तान बनाने का आंदोलन चला रहे संगठनों का समर्थन हासिल है।
यह दूसरी बार है, जब गृह मंत्रालय ने इस तरह का एक्शन लिया है। सितंबर, 2019 में गृह मंत्रालय ने मौलाना मसूद अज़हर, हाफिज़ सईद, ज़की-उर-रहमान लखवी और दाऊद इब्राहिम पर यूएपीए लगा दिया था।
इन खालिस्तानी आतंकवादियों में बब्बर खालसा इंटरनेशल का प्रमुख वाधवा सिंह बब्बर, इंटरनेशल सिख यूथ फ़ेडरेशन का मुखिया लखबीर सिंह, खालिस्तान जिंदाबाद फ़ोर्स का प्रमुख रंजीत सिंह, खालिस्तान कमांडो फ़ोर्स के मुखिया परमजीत सिंह का नाम शामिल है। ये सभी आतंकवादी संगठन पाकिस्तान में सक्रिय हैं।
इसके अलावा इसमें जर्मनी में सक्रिय खालिस्तान जिंदाबाद फ़ोर्स का सदस्य भूपिंदर सिंह भिंडा, इसी संगठन का सदस्य गुरमीत सिंह बग्गा, सिख्स फ़ॉर जस्टिस का संयोजक गुरपतवंत सिंह पन्नू, कनाडा में सक्रिय खालिस्तान टाइगर फ़ोर्स का प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर और ब्रिटेन में सक्रिय बब्बर खालसा इंटरनेशनल का प्रमुख परमजीत सिंह का नाम शामिल है। ये सभी आतंकवादी संगठन भी भारत के ख़िलाफ़ साज़िश रच रहे हैं।
गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि ये सभी सीमा पार से और विदेशी धरती में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हैं और भारत को अस्थिर करने की नापाक हरक़तें कर रहे हैं। मंत्रालय ने कहा है कि ये आतंकवादी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के जरिये पंजाब में आतंकवाद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने यह फ़ैसला ऐसे वक्त में लिया है, जब बीते दिनों खालिस्तानी आतंकवादियों और उन्हें समर्थन दे रहे पाकिस्तान की कई हरक़तें सामने आई हैं। इनमें अमेरिका में बैठकर खालिस्तान के लिए 'रेफरेंडम-2020' की मुहिम चलाने वाले सिख़्स फ़ॉर जस्टिस (एसएफ़जे) के संयोजक गुरपतवंत सिंह पन्नू का नाम भी शामिल है।
यह वही पन्नू है, जिसने लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद कुछ दिन पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को एक खत लिखा था। खत में उसने कहा था कि वह चीन के सैनिकों की मौत पर अफसोस जाहिर करता है और मोदी सरकार की कड़ी निंदा करता है।
पन्नू के ख़िलाफ़ बीते 3 महीनों में पंजाब में 21 डेली डायरी रजिस्टर (डीडीआर) और तीन एफ़आईआर दर्ज की गई हैं। इसका संगठन एसएफ़जे पंजाब में प्रतिबंधित है लेकिन सोशल मीडिया और फ़ोन के जरिए इन दिनों इसकी गतिविधियां खासी तेज हैं।
बीते कुछ समय से पंजाब को अशांत करने की नापाक कोशिशें तेज हुई हैं और इसके पीछे पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी इंटर सर्विसेज़ इंटेलिजेंस यानी आईएसआई का हाथ होने का आरोप है।
खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद के साथ कई बार दिखाई दिया है। चावला आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी है और उसका कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को संचालित करने में भी हाथ रहा है।
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सिखों को भड़का रही आईएसआई
पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठन खालिस्तान ज़िंदाबाद फ़ोर्स (केज़ेडएफ़) ने बीते साल सितंबर में पंजाब में ड्रोन से हथियार गिराए थे। पुलिस ने आठ ड्रोन से क़रीब 80 किलोग्राम हथियार गिराए जाने का दावा किया था। पंजाब के पुलिस प्रमुख दिनकर गुप्ता ने कहा था कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई केज़ेडएफ़ का समर्थन कर रही है।
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