इससे पहले भारत और चीन के बीच शुक्रवार को वीडियो कॉल के जरिये बातचीत हुई और इससे लगता है कि दोनों ही देश मतभेदों को शांतिपूर्वक बातचीत के जरिये हल करने की कोशिश करेंगे। यह वीडियो कॉल विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी) नवीन श्रीवास्तव और चीनी विदेश मंत्रालय में महानिदेशक वू जियांगहाओ के बीच हुई और इसमें दोनों देशों के राजदूतों ने भी हिस्सा लिया।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है, ‘दोनों पक्षों ने ताज़ा हालात की समीक्षा की है और भारत और चीन के बीच शांतिपूर्ण, स्थिर और संतुलित संबंधों पर जोर दिया है। दोनों देश इस बात पर भी सहमत थे कि दोनों को एक-दूसरे की भावनाओं, चिंताओं और महत्वाकांक्षाओं का सम्मान करते हुए शांतिपूर्ण बातचीत के माध्यम से अपने मतभेदों को सुलझाना चाहिए।’ इससे माना यह जा रहा है कि दोनों देश इस विवाद का निपटारा करना चाहते हैं।
दूसरी ओर, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, ‘वर्तमान में, चीन-भारत की सीमाओं के बीच हालात स्थिर और नियंत्रण में हैं। दोनों देशों के बीच सीमा से संबंधित मामलों के लिए अच्छा तंत्र है और दोनों देश राजनयिक और सैन्य स्तर पर संवाद करते रहते हैं और मुद्दों के समाधान के लिए काम कर रहे हैं।’
इसके पहले दोनों सेनाओं के स्थानीय कमांडर्स के बीच हुई बातचीत नाकाम रही थी। दोनों देशों के मेज़र जनरल स्तर के अधिकारियों के बीच भी बैठक हो चुकी है।
कुछ दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था, 'यह सच है कि चीन की सीमा पर तनाव है, चीन एक निश्चित बिन्दु तक अपना दावा करता है और भारत एक दूसरे बिन्दु तक, दोनों में इस पर मतभेद हैं। चीन ने अच्छी तादाद में सैनिक जमा कर रखे हैं और ऐसा भारत ने भी किया है।'
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