दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्विटर पर कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है, जबकि सीबीआई अधिकारियों ने रविवार को स्पष्ट किया कि एजेंसी ने सिसोदिया या किसी के खिलाफ "अभी तक" ऐसा कोई लुकआउट नोटिस जारी ही नहीं किया है। लेकिन शाम होते-होते उसने सिर्फ 8 लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया। लेकिन उसमें नोटिस में सिसोदिया का नाम नहीं है।
सीबीआई ने कहा कि दस्तावेजों की जांच की प्रक्रिया चल रही है और संदिग्धों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं। लेकिन किसी को लुकआउट नोटिस जारी नहीं किया गया है। यह सुबह का घटनाक्रम था। लेकिन लुकआउट नोटिस जारी करने का प्रचार करने वाली सरकार समर्थक न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने दोपहर में कहा है कि उसे सीबीआई सूत्रों ने बताया कि सिसोदिया और अन्य के ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस शीघ्र ही जारी होगा।
रविवार देर शाम को सीबीआई ने 8 लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया। इसमें विजय नायर, ब्रिन्डको स्पिरिट्स के मालिक अमनदीप ढल, इंडो स्पिरिट्स के मालिक समीर महेन्द्रु, बडी रिटेल के अमित अरोड़ा, राधा इंडस्ट्रीज के दिनेश अरोड़ा, महादेव लिक्कर्स के समीर मारवाह, अर्जुन रामचंद्र पिल्लई और अर्जुन पांडे के नाम है। लुकआउट नोटिस में मनीष सिसोदिया का नाम नहीं है।
यह विवाद तब सामने आया है जब सिसोदिया ने सीबीआई द्वारा जांच की जा रही आबकारी नीति मामले में रविवार को उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस का दावा किया और इस कदम को एक "नाटक" करार दिया क्योंकि एजेंसी को शुक्रवार को उनके आवास पर छापे के दौरान "कुछ भी नहीं" मिला था। समझा जाता है कि सिसोदिया ने लुकआउट नोटिस वाला दावा सरकार समर्थित न्यूज़ एजेंसी एएनआई की खबर आने के बाद किया।
सिसोदिया ने रविवार को एक ट्वीट में कहा था- आपकी सारी रेड फेल हो गयी, कुछ नहीं मिला, एक पैसे की हेरा फेरी नहीं मिली, अब आपने लुक आउट नोटिस जारी किया है।
अधिकारियों ने कहा, सीबीआई ने भी अब तक लोक सेवकों के खिलाफ एलओसी जारी करने की आवश्यकता महसूस नहीं की है क्योंकि वे सरकार को सूचित किए बिना देश नहीं छोड़ सकते हैं।
सिसोदिया दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर में नामज़द 15 व्यक्तियों में शामिल हैं। जाँच एजेंसी ने शुक्रवार को सिसोदिया के आवास और कुछ नौकरशाहों और कारोबारियों के परिसरों समेत 31 जगहों पर छापेमारी की थी।
सीबीआई जांच के तहत इंडोस्पिरिट्स के मालिक समीर महेंद्रू द्वारा कथित तौर पर सिसोदिया के "करीबी सहयोगियों" को करोड़ों रुपये के कम से कम दो भुगतान हैं, जो कथित अनियमितताओं में सक्रिय रूप से शामिल शराब व्यापारियों में से एक थे।
एफआईआर में सिसोदिया के "करीबी सहयोगियों" - बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमित अरोड़ा पर आरोप लगाया गया है। दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे शराब लाइसेंसधारियों से एकत्र किए गए अनुचित आर्थिक लाभ को आरोपी लोक सेवकों के प्रबंधन और डायवर्ट करने में सक्रिय रूप से शामिल थे।
शुक्रवार को सीबीआई छापे, जो लगभग 15 घंटे तक चले, उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा पिछले महीने एजेंसी द्वारा नियमों के कथित उल्लंघन और नवंबर से लागू नीति के कार्यान्वयन में प्रक्रियात्मक खामियों की जांच की सिफारिश के बाद आए।
एलजी द्वारा जांच की सिफारिश करने के बाद दिल्ली सरकार ने जुलाई में नई शराब नीति वापस ले ली थी।
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