मणिपुर में दंगा प्रभावित लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए विपक्षी गठबंधन इंडिया का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर जाएगा। इंडिया गठबंधन में 26 राजनीतिक दल हैं। इन सभी के दलों के नेता प्रतिनिधिमंडल में शामिल होंगे। मणिपुर में मई से हिंसक घटनाएं हो रही हैं।
विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ने 27 जुलाई को बैठक के बाद घोषणा की है कि उनका प्रतिनिधिमंडल 29 जुलाई को मणिपुर जाएगा और 30 जुलाई तक वहां रहेगा। यहां यह बताना जरूरी है कि मणिपुर में हिंसा के दौरान पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गए थे और उसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी वहां पहुंचे थे। मणिपुर में मई में व्यापक हिंसा हुई थी। दो कुकी आदिवासी महिलाओं की नग्न परेड कराई गई। देश में इसका वीडियो वायरल होने पर व्यापक आक्रोश जताया गया था। विपक्ष इस मामले को संसद में लगातार उठा रही है लेकिन वहां इस पर चर्चा नहीं हो पा रही है।
मणिपुर हिंसा पर विपक्षी दल
संसद के मौजूदा मानसून सत्र के दौरान मणिपुर में हिंसा ने तूल पकड़ लिया है। विपक्षी नेता हर दिन सदन में नारेबाजी करते हुए मांग कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में इस मुद्दे पर बोलें।
मणिपुर मुद्दे पर बुधवार को लोकसभा में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव भी मंजूर हो गया।
भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने का वीडियो सामने आने के बाद केंद्र सरकार पर पहाड़ी राज्य में शांति लाने का दबाव बढ़ रहा है।
इससे पहले, विपक्षी दलों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कहा था कि लोगों को 'हीलिंग टच' देने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को मणिपुर का दौरा करना चाहिए। लेकिन सरकार की ओर से अभी तक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की कोई पहल नहीं हुई।
मणिपुर में मई महीने में व्यापक हिंसा हुई थी, जिसका सिलसिला अब तक जारी है। राज्य में मैतेई और कुकी आदिवासी समुदाय का टकराव पुराना है। मैतेई हिन्दू बहुल समुदाय है। उसकी आबादी वहां 53 से 60 फीसदी तक बताई जाती है, जबकि कुकी-नागा आदिवासी समुदाय करीब 40 फीसदी है। मैतेई ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि कुकी पहाड़ी क्षेत्रों में रहते हैं, जिसकी सीमाएं म्यांमार से लगती हैं।
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