कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण पर तीखा हमला किया है। लाल क़िले से प्रधानमंत्री ने कहा है कि वह अगले साल यानी 2024 में फिर से लाल क़िले पर झंडा फहराएँगे। इस बयान का सीधा मतलब यह है कि प्रधानमंत्री दावा कर रहे हैं कि अगला लोकसभा चुनाव वही जीतेंगे। प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को लेकर पत्रकारों के इसी सवाल पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'वह अगले साल फिर झंडा फहराएँगे, अपने घर के ऊपर फहराएँगे'।
खड़गे ने, "हर व्यक्ति कहता है कि हम बार-बार जीतकर आएँगे। लेकिन आपको जिताना या हराना ये जनता के हाथ में है, मतदाताओं के हाथ में है। 2023 में कहना कि '2024 में एक बार फिर मैं झंडा फहराऊंगा', अहंकार है। अगर वह स्वतंत्रता दिवस पर भी विपक्ष पर टिप्पणी करते रहेंगे, तो वह देश का निर्माण कैसे करेंगे?"
प्रधानमंत्री मोदी ने लाल क़िले से अपने भाषण से जो संदेश देने की कोशिश की, वही संदेश खड़गे ने भी दिया। वैसे, खड़गे लाल क़िले पर कार्यक्रम में खड़गे शामिल नहीं हुए और समझा जाता है कि यह भी एक संदेश ही था। जब प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित कर रहे थे तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे वहां खाली सीटों में मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम की एक कुर्सी भी थी। कांग्रेस ने उनकी अनुपस्थिति पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा, 'उन्हें अच्छा महसूस नहीं हो रहा था।'
खड़गे ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव, मनमोहन सिंह और बीजेपी के आदर्श अटल बिहारी वाजपेयी का भी जिक्र किया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने स्पष्ट रूप से पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, 'हर प्रधानमंत्री ने देश की प्रगति में योगदान दिया है। आज कुछ लोग यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत ने केवल पिछले कुछ वर्षों में प्रगति देखी है।'
खड़गे ने कहा, 'अटल बिहारी वाजपेयी के साथ-साथ सभी प्रधानमंत्रियों ने देश के बारे में सोचा और विकास के लिए कई कदम उठाए। मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आज लोकतंत्र, संविधान और स्वायत्त संस्थाएँ गंभीर ख़तरे में हैं। विपक्ष की आवाज़ को दबाने के लिए नए-नए औजारों का इस्तेमाल किया जा रहा है। न केवल सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर छापे पड़ रहे हैं, बल्कि चुनाव आयोग को भी कमजोर किया जा रहा है। विपक्षी सांसदों का मुंह बंद किया जा रहा है, निलंबित किया जा रहा है, माइक बंद किए जा रहे हैं, भाषणों को हटाया जा रहा है...'।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "महान नेता नया इतिहास बनाने के लिए अतीत के इतिहास को नहीं मिटाते। वे (मोदी सरकार) हर चीज का नाम बदलने की कोशिश कर रहे हैं - उन्होंने पिछली योजनाओं, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का नाम बदल दिया, वे अपने तानाशाही तरीकों से लोकतंत्र को नष्ट कर रहे हैं। अब वे देश में शांति स्थापित करने वाले पुराने कानूनों का नाम बदल रहे हैं। पहले उन्होंने कहा 'अच्छे दिन', फिर नया भारत, अब अमृत काल - क्या वे अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए नाम नहीं बदल रहे हैं?"
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