कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के एक बयान को लेकर मंगलवार को राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने अलवर में बेहद अभद्र भाषा का प्रयोग किया है। उन्होंने बेबुनियाद और असत्य बातों को देश के सामने रखने की कोशिश की है।
गोयल ने कहा कि मैं इसकी घोर निंदा करता हूं और उनसे माफी की मांग करता हूं। गोयल ने कहा कि जब तक खड़गे अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगते तब तक उन्हें इस सदन में रहने का कोई अधिकार नहीं है।
उनके इस बयान पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वह माफी क्यों मांगेंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने देश के लिए अपनी जान दी, आपने इस देश के लिए क्या किया।
खड़गे ने कहा कि उन्होंने यह बयान इस सदन के बाहर दिया था ना कि अंदर और इस बात की चर्चा यहां नहीं होनी चाहिए।
खड़गे ने कहा, “जो मैंने बाहर कहा था, अगर वह इस सदन के भीतर कहूंगा तो इन लोगों के लिए काफी मुश्किल खड़ी हो जाएगी।” उन्होंने कहा कि आजादी के वक्त अंग्रेजों से माफी मांगने वाले लोग हमसे माफी मांगने की बात कर रहे हैं।
खड़गे के इस बयान पर बीजेपी के सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया और सदन में शोरगुल होने लगा।
135 करोड़ लोग हंस रहे हैं
लगातार शोरगुल से नाराज होकर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि 135 करोड़ लोग हमारे ऊपर हंस रहे हैं कि क्या हमारा यह स्तर हो गया है कि हम एक-दूसरे की बात भी नहीं सुन सकते। उन्होंने कहा, “हो सकता है कि किसी के विचारों से कोई सहमत ना हो, हो सकता है कि गुस्से में बाहर कोई बात कह दी गई हो, हो सकता है कि बात का आधार हो या वह निराधार हो, हो सकता है कि उस बात के ऊपर दो मत हों लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सदन के नेता बोलें तो विपक्ष से शोर हो और विपक्ष के नेता बोलें तो सत्ता पक्ष की ओर से शोर हो। यह टिट फॉर टैट है क्या, हम लोग बच्चे नहीं हैं।”क्या कहा था खड़गे ने?
इन दिनों राजस्थान में चल रही कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के तहत अलवर में आयोजित एक सभा में खड़गे ने सोमवार को कहा था कि देश को हमने आजादी दिलाई है और देश की एकता के लिए इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने अपनी जान कुर्बान की थी। खड़गे ने सवाल पूछा था कि हमारी पार्टी के नेताओं ने इस देश के लिए जान दी थी, आप लोगों ने क्या किया। आपके घर में देश के लिए कुत्ता भी मरा है, क्या किसी ने कोई कुर्बानी दी है लेकिन फिर भी वह लोग अपने आप को देशभक्त बताते हैं और हम कुछ भी कहें तो हमें देशद्रोही।
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