संसद में विपक्षी नेताओं के माइक बंद किए जाने का मुद्दा फिर से उठा है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि उनके बोलने के दौरान उनका माइक बंद कर दिया गया और इससे उनके विशेषाधिकार का अपमान हुआ। इस साल मार्च में भी यह मुद्दा तब उठा था जब राहुल गांधी लंदन की यात्रा पर थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि भारत में विपक्ष के माइक बंद करा दिए जाते हैं।
जब राहुल गांधी यह आरोप लगा रहे थे तब वह लोकसभा में माइक बंद किए जाने का ज़िक्र कर रहे थे। दरअसल, जब वह सांसद थे और लोकसभा में एक चर्चा में भाग ले रहे थे तो उनका भी माइक बंद कर दिया गया था। वह चर्चा उद्योगपति गौतम अडानी के कारोबार को लेकर आई अमेरिकी संस्था ‘हिंडनबर्ग’ की रिपोर्ट पर फरवरी महीने में लोकसभा में हो रही थी। इस मुद्दे पर जब राहुल बोल रहे थे तब उनका माइक बीच में ही बंद कर दिया गया था।
मार्च महीने में जब लंदन यात्रा पर राहुल गांधी पहुँचे थे तो उन्होंने ब्रिटिश सांसदों से कहा, 'हमारे माइक खराब नहीं हैं, वे काम कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद आप उन्हें चालू नहीं कर सकते। ऐसा मेरे बोलने के दौरान कई बार हुआ है।' राहुल गांधी के लंदन में यह बयान देने पर बीजेपी ने उनपर आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेता विदेशी धरती पर जाकर देश का अपमान कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पत्रकारों से कहा था, 'विदेशी जमीन पर जाकर अपने देश को बदनाम करने का आप जो प्रयास करते हैं, झूठ फैलाते हैं इसको कोई मानेगा नहीं।'
अब माइक बंद किए जाने की शिकायत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कर रहे हैं। उन्होंने बुधवार को कहा कि राज्यसभा की कार्यवाही में उनके भाषण के दौरान उनका माइक बंद कर दिए जाने के बाद उनके 'आत्मसम्मान को ठेस पहुँची'।
वैसे, लोकसभा में लगातार हंगामा जारी है। विपक्षी सदस्य मणिपुर में तीन महीने से चली आ रही जातीय झड़पों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान की मांग करते हुए नारे लगा रहे थे। जवाब में सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के सदस्यों ने 'मोदी, मोदी' का नारा लगाना शुरू कर दिया। इससे सदन में अराजकता फैल गई। पहले कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई और बाद में पूरे दिन के लिए।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीच में भाषण बाधित होने के बाद आक्रोश व्यक्त किया। इस पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने खड़गे और सदन के नेता पीयूष गोयल से व्यवस्था सुचारू करने में मदद करने की अपील की। इन प्रयासों के बावजूद तीखी नोक-झोंक जारी रही।
यह हंगामेदार सत्र तब हुआ है जब विपक्षी सांसदों ने मणिपुर में चल रही स्थिति पर चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा और राज्यसभा दोनों में नोटिस दिया। यह विवाद का केंद्र बिंदु है। इस मुद्दे पर मानसून सत्र की शुरुआत के बाद से संसद में लगातार गतिरोध बना हुआ है।
अपनी राय बतायें