तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की कहानी जिस तरफ बढ़ रही है, उससे लगता है कि उन्हें घेरने की भाजपाई कोशिश नाकाम हो रही है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर से शिकायत में कहा था कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने की बजाय रिश्वत और गिफ्ट लिये। निशिकांत दूबे ने मात्र सीईओ और वकील दर्शन हीरानंदानी के एफिडेविट के आधार पर सवाल लगाए थे। वकील दर्शन ने लोकसभा की आचार समिति को जो शपथपत्र सौंपा, उसमें तीन नाम थे। ये हैं- शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी (एसएएम) के मैनेजिंग पार्टनर शार्दुल श्रॉफ उनकी पत्नी पल्लवी श्रॉफ और जानी-मानी आर्थिक पत्रकार सुचेता दलाल। पल्लवी श्राफ भारत के पूर्व चीफ जस्टिस पी एन भगवती की बेटी हैं। एसएएम भारत की जानी मानी लॉ फर्म है।
इंडियन एक्सप्रेस ने शनिवार 21 अक्टूबर को इस संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित की है। शार्दुल और पल्लवी ने हीरानंदानी समूह के सीईओ और वकील दर्शन हीरानंदानी के इस दावे को खारिज कर दिया कि तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और व्यवसायी गौतम अडानी को बदनाम करने के लिए उनकी मदद मिल रही थी। एक बयान में उन्होंने हीरानंदानी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने जो आरोप महुआ पर लगाया था, उसमें दर्शन हीरानंदानी का जिक्र आया है। दुबे का आरोप है कि दर्शन ही वह कारोबारी हैं, जिन्हें मोइत्रा ने सवाल पूछने के लिए संसद की वेबसाइट का अपना लॉगिन और पासवर्ड दिया था। अपनी शिकायत में, भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि मोइत्रा को दर्शन से कथित रिश्वत और महंगे गिफ्ट मिले।
दर्शन ने गुरुवार शाम को लोकसभा की इथिक्स कमेटी को एक हलफनामा दिया और कहा कि ”सांसद महुआ मोइत्रा प्रधानमंत्री मोदी और गौतम अडानी को निशाना बना रही हैं। मोइत्रा को अपनी इस कोशिश में सुचेता दलाल, शार्दुल श्रॉफ और पल्लवी श्रॉफ जैसे लोगों से मदद मिली है, जो उनके संपर्क में थे। जो महुआ को मोदी और अडानी की कंपनियों से संबंधित सभी प्रकार की असत्यापित सूचनाएं दे रहे थे।”
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक शार्दुल श्राफ और पल्लवी श्रॉफ ने अपने बयान में कहा- “हमने अडानी परिवार या प्रधानमंत्री के खिलाफ उठाए जाने वाले किसी भी सवाल के लिए कोई जानकारी नहीं दी है या पैसा कोई पैसा दिया है…। हमारे खिलाफ इस तरह का आरोप या आक्षेप लगाना भी बेहद दुखद है और पूरी तरह से दुर्भावनापूर्ण है।”
शार्दुल और पल्लवी ने बयान में कहा-
“
उन्होंने ( दर्शन हीरानंदानी) जो लिखा है वह पूरी तरह से चरित्र हनन है और उनके बयानों में रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है। उन्होंने हमारी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है और हमारे खिलाफ दुर्भावनापूर्ण बयान दिए, जिससे हमारी प्रतिष्ठा पर असर पड़ा है। उनके (दर्शन) खिलाफ मुकदमा चलाने का अधिकार हमारे पास सुरक्षित है।
- शार्दुल श्राफ, पल्लवी श्राफ, एसएएफ लॉ फर्म, सोर्सः इंडियन एक्सप्रेस 21 अक्टूबर 2023
जानी मानी आर्थिक पत्रकार सुचेता दलाल ने भी दर्शन हीरानंदानी के शपथपत्र में अपना नाम आने पर बयान दिया है। सुचेता ने ट्वीट किया है कि वो महुआ मोइत्रा को व्यक्तिगत रूप से न तो जानती हैं और ही कभी उनसे मुलाकात की है।
टीएमसी सांसद ने निशिकांत दुबे और दर्शन हीरानंदानी की कहानी की धज्जियां उड़ा दी हैं। टीएमसी ने जहां सारे प्रकरण पर चुप्पी साध रखी है, वहां कांग्रेस ने खुलकर महुआ मोइत्रा का साथ दिया है। जबकि खुद महुआ पश्चिम बंगाल के नादिया में दुर्गा पूजा मना रही हैं। उन्होंने खुद ट्वीट में लिखा है कि वो नादिया में दुर्गा पूजा में व्यस्त हैं।
अपने हलफनामे में, मुंबई के शीर्ष कारोबारी निरंजन हीरानंदानी के बेटे दर्शन हीरानंदानी ने कहा था, “उन्होंने (महुआ मोइत्रा) मुझसे अडानी समूह पर अपने हमलों में उसका समर्थन जारी रखने का अनुरोध किया और मुझे अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड दिया ताकि जरूरत पड़ने पर मैं सीधे उनकी ओर से संसद की वेबसाइट पर सवाल पोस्ट कर सकूं।''
श्राफ परिवार की क्या कहानी है
श्राफ परिवार का नाम सबसे पहले दर्शन हीरानंदानी के शपथपत्र में आया। गुरुवार शाम को, महुआ मोइत्रा ने दर्शन के एफिडेविट को “एक मजाक” करार दिया और कहा था, “शार्दुल श्रॉफ सिरिल श्रॉफ के भाई हैं, जो बिजनेस में मतभेद के बाद अलग हो चुके हैं। उन्होंने कहा, सिरिल श्रॉफ गौतम अडानी के 'समधी' हैं और सेबी बोर्ड में पद पर होने के कारण हितों के टकराव के मामला तो है ही।
सिरिल श्रॉफ की बेटी परिधि की शादी गौतम अडानी के बेटे करण से हुई है। शार्दुल और पल्लवी श्रॉफ ने बयान में कहा, "मिस्टर अडानी के बेटे की शादी मेरी भतीजी परिधि से हुई है और हम दोनों के मन में करण और परिधि के लिए केवल सद्भावना और स्नेह है और हम कभी भी अडानी परिवार की अगली पीढ़ी को नुकसान पहुंचाने के बारे में सपने में भी नहीं सोच सकते।" शार्दुल और सिरिल, दोनों हाई-प्रोफाइल वकील हैं। 2015 में पारिवारिक फर्म अमरचंद एंड मंगलदास में विभाजन के बाद दोनों अलग हो गए। यह कंपनी आज भी देश की एक जानी मानी लॉ फर्म है।
शार्दुल और पल्लवी श्राफ ने कहा- “महुआ ने अडानी परिवार या प्रधानमंत्री पर हमला करने और उन्हें नुकसान पहुंचाने में मदद करने या उन्हें सुविधा प्रदान करने के लिए हमसे कभी कोई मदद नहीं मांगी है। हम ऐसे किसी प्रयास में कभी भी सहमत या हिस्सा नहीं लेंगे। हमने कभी भी किसी राजनीतिक दल या व्यक्ति के पक्ष या विपक्ष में कभी भाग नहीं लिया या आक्रामक रुख नहीं अपनाया।“
श्राफ दंपती ने इसे और साफ करते हुए कहा- ”हम हीरानंदानी की कंपनियों के लिए काम नहीं करते हैं और दर्शन हीरानंदानी के वकील नहीं हैं। हम महुआ मोइत्रा के लिए भी काम नहीं करते हैं और उनके वकील नहीं हैं। हम किसी भी राजनेता को कोई डेटा या सवाल या विवादास्पद व्यावसायिक जानकारी प्रदान या फ़ीड नहीं करते हैं। हम ऐसा कुछ भी नहीं करते जिससे खतरनाक राजनीतिक बहस को बढ़ावा मिले।”
एक दिलचस्प बात और भी है। हीरानंदानी समूह ने भी मंगलवार को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के इन आरोपों का खंडन किया था कि महुआ मोइत्रा ने सवाल पूछने के लिए दर्शन हीरानंदानी को अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड दिया था। इस फर्म ने कहा- “हम हमेशा कारोबार में रहे हैं, राजनीति के कारोबार में नहीं हैं। हमारे समूह ने हमेशा देश के हित में सरकार के साथ काम किया है और आगे भी करते रहेंगे।'' यह अलग बात है कि दर्शन हीरानंदानी ने गुरुवार को जो एफिडेविट दिया, उसमें कुछ और कहा गया है। कुल मिलाकर महुआ मोइत्रा के खिलाफ रचा गया सारा खेल साफ होता जा रहा है।
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