फ़िसलती अर्थव्यवस्था के बीच ऑटो उद्योग की स्थिति दिन ब दिन बदतर होती जा रही है। साल भर में 300 डीलर दुकानों के बंद होने के बाद कुछ डीलरों के दीवालिया होने की स्थिति पैदा हो गई है। महिंद्रा एंड महिंद्रा के प्रबंध निदेशक पवन गोयनका ने कहा है कि उन्हें इस बात की चिंता है कि सप्लाई लाइन से जुड़े लोग और डीलर बहुत जल्द ही दीवालिया हो जाएँगे।
गोयनका ने इस स्थिति को साफ़ करते हुए कहा कि गाड़ी उत्पादन से जुड़ी कंपनियों की ख़ास चिंता उन्हें नहीं है क्योंकि वे कुछ समय तक इस दौर से गुजर सकते हैं। पर डीलरों में से ज़्यादातर लोगों के पास इतने पैसे नहीं होते कि वे लंबे समय तक मंदी झेल पाएँगे।
फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ने कहा है कि बीते साल भर में डीलरों से जुड़े 2 लाख लोगों की नौकरियाँ चली गई हैं। दूसरी ओर, इंडियन ऑटोमोबाइल एसोसिएशन ने कहा है कि बीते 3 महीने में 15 हज़ार लोगों को नौकरी से निकाला गया है।
महिंद्र एंड महिंद्रा ने निवेश और विस्तार की योजना फ़िलहाल टाल दी है। कंपनी ने इसी साल वित्तीय वर्ष में में उत्पादन क्षमता बढ़ने की योजना बनाई थी और उस पर निवेश के बारे में भी सोचा था। पर मौजूदा मंदी के मद्देनज़र यह मुमकिन नहीं है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अप्रैल से अब तक 1,500 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है। इसे मानते हुए गोयनका ने सफ़ाई दी कि वह नहीं चाहते कि ऐसा और लोगों के साथ हो, वह उन लोगों को दूसरे काम देने और उन्हें किसी भी तरह साथ रखने की कोशिश करते रहेंगे।
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