ऐसे समय जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सारी बत्तियाँ बुझा कर दिया या मोमबत्ती जलाने की अपील लोगों से की है, महाराष्ट्र के बिजली मंत्री नितिन राउत ने कहा है कि एक साथ सारी बत्तियाँ बुझा देने से पूरे देश की बिजली ग्रिड फेल हो सकती है। यदि ऐसा हुआ तो पूरे देश में बिजली आपूर्ति ठप हो सकती है।
क्या है मामला?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो संदेश में लोगों से अपील की कि वे रविवार की रात नौ बजे सभी बत्तियाँ बुझा दें और नौ मिनट तक दिया या मोमबत्ती जलाएँ। उन्होंने कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई में पूरे देश को एकजुटता दिखाने के लिए ऐसा करने को कहा है।
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नितिन राउत ने कहा कि यदि सारी बत्तियाँ एक साथ ही बुझा दी गईं तो इससे ब्लैकआउट होने का अंदेशा है। उन्होंने इसका तकनीकी पक्ष समझाते हुए कहा कि एक साथ सभी बत्तियाँ बुझा देने से माँग और आपूर्ति में बहुत बड़ा अंतर आ जाएगा, इससे ग्रिड फेल हो सकता है।
ग्रिड फेल हुआ तो?
उन्होंने कहा, ‘ग्रिड फेल होने पर उसे ठीक करने और बिजली आपूर्ति फिर से बहाल करने में 12 से 16 घंटे लग जाएंगे। कोरोना वायरस से लड़ने में बिजली बहुत ज़रूरी है।’उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में बिजली विभाग ने अपने अफ़सरों से कहा है कि वे फ़ील्ड अफ़सरों को आदेश दे दें कि सभी पावर रिएक्टर्स को तैयार रखें और बिजली की माँग यकायक बढ़ने की स्थिति के लिए तैयार रहें।
उत्तर प्रदेश प्रशासन ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है, ‘पावर ग्रिड को सुरक्षित और सुचारू रुप से चलाने के लिए लोड में यकायक तेज़ गिरावट से बचना चाहिए। इसके लिए रात के 8 बजे से 9 बजे के बीच लोड में गिरावट धीरे धीरे की जानी चाहिए।’
तमिलनाडु का सर्कुलर
दूसरी ओर तमिलनाडु ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ने भी पावर ग्रिड केंद्रों को सर्कुलर जारी कर निर्देश दिया है। इसमें कहा है कि वे रात के 8 से 10.30 के बीच पर्याप्त कर्मचारियों की संख्या सुनिश्चित करें क्योंकि बिजली की माँग में उतार-चढ़ाव हो सकता है।क्या कहा था मोदी ने?
मोदी ने कहा था, ‘इस रविवार को 5 अप्रैल को हम सबको मिलकर कोरोना को चुनौती देनी है। हमें 5 अप्रैल को 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। 5 अप्रैल रविवार को रात 9 बजे मैं आप सबके 9 मिनट चाहता हूं। रात 9 बजे घर की लाइट बंद करके, दरवाजे या बालकनी में खड़े होकर दिया, मोमबत्ती या मोबाइल के फ्लैशलाइट को जलाएँ।’विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया था। विपक्ष ने कहा था कि इस तरह के हथकंडों की जगह बदले डॉक्टरों को प्रोटेक्टिव उपकरण दिए जाएं और अधिक लोगों की कोरोना जाँच की जाए।
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