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फाइल फोटो

महाराष्ट्र में 65%, झारखंड में 68% मतदान

महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को मतदान संपन्न हुआ। महाराष्ट्र में 65.1 फीसदी और झारखंड में 68.4 फीसदी मतदान हुआ। यह चुनाव दोनों राज्यों में सत्तारूढ़ और विपक्षी राजनीतिक गठबंधनों के भाग्य का फ़ैसला करेगा। महाराष्ट्र में सभी सीटों पर एक चरण में मतदान हो रहा है, जबकि झारखंड में बुधवार को दूसरे और अंतिम चरण में मतदान हो रहा है। दोनों राज्यों में मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ और शाम 6 बजे समाप्त होगा। इसके साथ ही कई राज्यों में विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव भी हो रहे हैं। इसमें उत्तर प्रदेश की नौ सीटें शामिल हैं। जानिए, दिन भर कैसे चला घटनाक्रम।

  • महाराष्ट्र में शाम 5 बजे तक 58.22% और झारखंड में दूसरे चरण में 67.59% मतदान हुआ।
  • दोपहर 3 बजे तक महाराष्ट्र में 45.53 प्रतिशत मतदान हुआ।
  • झारखंड में दूसरे चरण के मतदान के दौरान 61.47 प्रतिशत मतदान हुआ। 

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  • झारखंड में दोपहर 1 बजे तक 47.92% मतदान हुआ।
  • महाराष्ट्र में दोपहर 1 बजे तक 32.18% मतदान दर्ज किया गया।
  • उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर दोपहर 1 बजे तक 31.21 प्रतिशत मतदान हुआ।
  • झारखंड में 38 विधानसभा सीटों पर सुबह 11 बजे तक 31.37% मतदान हुआ।
  • महाराष्ट्र में सभी 288 सीटों के लिए सुबह 11 बजे तक 18.14% मतदान हुआ है।
  • झारखंड के दूसरे चरण में मतदान के पहले दो घंटों में 12.71% मतदान हुआ है। इस चरण में 38 सीटों पर मतदान जारी है।
  • महाराष्ट्र में बुधवार को सुबह 9 बजे तक 6.61% मतदान हुआ है। शुरुआती दो घंटों में महाराष्ट्र के कई जिलों में मतदान बहुत धीमा रहा।

  • यूपी में उपचुनाव: यूपी के ककरौली में हंगामे के बाद भीड़ ने पथराव किया। इसके बाद पुलिस ने लाठियां चलाईं, भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद हैं।
  • उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर सुबह 9 बजे तक 9.67 प्रतिशत मतदान हुआ। यूपी में सबसे अधिक कुंदरकी में 13.59 प्रतिशत वोटिंग हुई। 

  • बारामती में वोट देने निकले अजित पवार ने कहा, 'महायुति सरकार बनाएगी। हालांकि, जब लड़ाई परिवार के सदस्य के खिलाफ होती है तो यह हमेशा मुश्किल होता है।' अजित पवार अपने भतीजे युगेंद्र के खिलाफ खड़े हैं।

  • आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने महाराष्ट्र के नागपुर में अपना वोट डाला। मतदान के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में मतदान हर नागरिक की जिम्मेदारी है, यह एक कर्तव्य है जिसे पूरा किया जाना चाहिए।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र और झारखंड के मतदाताओं से उत्साहपूर्वक भाग लेने का आह्वान किया और लोकतांत्रिक भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। 
महाराष्ट्र में 288 निर्वाचन क्षेत्रों में 4 हज़ार से ज़्यादा उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के हिस्से के रूप में भाजपा 149 सीटों पर, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना 81 पर और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी 59 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। विपक्षी महा विकास अघाड़ी गठबंधन में कांग्रेस ने 101 उम्मीदवार, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने 95 और एनसीपी (शरद पवार) ने 86 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। 

झारखंड में 38 सीटों पर वोटिंग

झारखंड में भी दूसरे चरण का मतदान हो रहा है। इसमें पहले चरण का मतदान पहले ही हो चुका है और दूसरे चरण में बुधवार को 38 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम)-कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) गठबंधन सत्ता बरकरार रखने की कोशिश कर रहा है, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन नियंत्रण हासिल करने की कोशिश कर रहा है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन सहित 500 से अधिक उम्मीदवार कुल 81 विधानसभा सीटों में से 38 पर चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों राज्यों में मतगणना शनिवार को होगी।

महाराष्ट्र में महायुति बनाम एमवीए

महाराष्ट्र में चुनाव सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन और विपक्षी एमवीए के बीच लगभग सीधा मुकाबला है। चुनाव से पहले के दिनों में राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सहित कई शीर्ष नेताओं ने प्रचार किया।

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महायुति महिलाओं के लिए लाड़की बहन जैसी अपनी लोकप्रिय योजनाओं पर भरोसा कर रही है ताकि सत्ता बरकरार रखने में मदद मिल सके। लेकिन गठबंधन के नेताओं द्वारा 'बटेंगे तो कटेंगे' और 'एक है तो सुरक्षित है' जैसे नारों के इस्तेमाल को लेकर विपक्षी दलों ने महायुति पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया है।

एमवीए ने जाति आधारित जनगणना, सामाजिक न्याय और संविधान की रक्षा जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है। इसका उद्देश्य उन मतदाताओं को आकर्षित करना है जो सत्तारूढ़ एकनाथ शिंदे सरकार द्वारा उपेक्षित महसूस करते थे।
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना का गठबंधन था। तब भाजपा ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस को 44 और एनसीपी को 54 सीटें मिली थीं। भाजपा-शिवसेना आसानी से सत्ता में आ जातीं, लेकिन गठबंधन टूट गया। सियासी उठापटक के बाद 23 नवंबर, 2019 को देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन बहुमत परीक्षण से पहले ही दोनों को इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी सरकार सत्ता में आई। उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के सीएम बने। करीब ढाई साल बाद शिवसेना में बगावत हुई और उद्धव की सरकार गिर गई। बाग़ी शिंदे गुट के साथ मिलकर बीजेपी ने सरकार बनाई। शिंदे मुख्यमंत्री बने। उसके एक साल बाद एनसीपी में बगावत हुई और वह भी दो खेमों में बँट गई। इन घटनाक्रमों के बाद यह पहला चुनाव है।
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क़मर वहीद नक़वी
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