इसी के साथ आंध्र प्रदेश में विधानसभा की 175 सीटों पर भी वोट डाले जाएंगे। आंध्र में त्रिकोणीय संघर्ष है, जिसमें जगन के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी, कांग्रेस के नेतृत्व वाला इंडिया गठबंधन और एनडीए शामिल है। एनडीए में भाजपा, चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और पवन कल्याण की जन सेना शामिल है। इंडिया गठबंधन की खास बात यह है कि मुख्यमंत्री जगन की बहन शर्मिला ने कांग्रेस की कमान संभाल रखी है। इसीलिए आंध्र के मुकाबले को दिलचस्प माना जा रहा है।
सभी की निगाहें यूपी पर हैं। चौथे चरण में खुद मोदी, अमित शाह और योगी कई रैलियों को संबोधित करने पहुंचे। भाजपा के तीसरी पंक्ति के नेता भी धुआंधार प्रचार करने पहुंचे। चुनाव जैसे-जैसे पूर्वी उत्तर प्रदेश की तरफ बढ़ रहा है राजनीतिक तापमान बढ़ रहा है। भाजपा राष्ट्रीय मुद्दों की बात कर रही है, लेकिन इंडिया की ओर से चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे अखिलेश यादव, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी स्थानीय मुद्दों पर बात कर रहे हैं। कन्नौज और कानपुर में अखिलेश और राहुल की संयुक्त रैली से बहुत जबरदस्त संदेश गया है। मोदी का अंबानी-अडानी का नाम लेने के बाद भी हवा के रुख पर असर पड़ा। अब यूपी में लोग सवाल पूछ रहे हैं कि जब अंबानी-अडानी कांग्रेस को पैसा दे रहे हैं तो मोदी उन पर ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स की कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं।
2019 में चौथे चरण में किसने जीत हासिल की थी?
1. बिहार- दरभंगा (जनरल): भाजपा, उजियारपुर (जनरल) भाजपा, समस्तीपुर (एससी): लोक जनशक्ति पार्टी (2021 में एलजेपी पार्टी दो गुटों में बंट गयी)। बेगुसराय (जनरल): भाजपा, मुंगेर (जनरल) जेडीयू। कुल 57.33 प्रतिशत मतदान।
- शाहजहाँपुर (एससी): भाजपा, खीरी (जनरल): बीजेपी, धौरहरा (जनरल): भाजपा, सीतापुर (जनरल): भाजपा, हरदोई (एससी): बीजेपी मिश्रिख (एससी): बीजेपी, उन्नाव (जनरल): भाजपा, फर्रुखाबाद (जनरल): बीजेपी, इटावा (एससी): बीजेपी, कन्नौज (जनरल): बीजेपी कानपुर (जनरल): बीजेपी, अकबरपुर (जनरल): भाजपा, बहराइच (एससी): भाजपा। कुल 59.21 प्रतिशत मतदान।
- बहरामपुर (जनरल): कांग्रेस, कृष्णानगर (जनरल): तृणमूल कांग्रेस, राणाघाट (एससी): भाजपा, बर्धमान पुरबा (एससी): तृणमूल कांग्रेस, बर्धमान-दुर्गापुर (जनरल): बीजेपी, आसनसोल (जनरल): तृणमूल कांग्रेस, बोलपुर (एससी): तृणमूल कांग्रेस, बीरभूम (जनरल): तृणमूल कांग्रेस। कुल 81.76 प्रतिशत मतदान।
- सिंहभूम (एसटी): कांग्रेस, खूंटी (एसटी): भाजपा, लोहरदगा (एसटी): भाजपा, पलामू (एससी): भाजपा। कुल 66.8 फीसदी मतदान।
- देवास (एसटी): भाजपा, उज्जैन (एससी): भाजपा, मंदसौर (जनरल): बीजेपी, रतलाम (एसटी): भाजपा, धार (एसटी): भाजपा, इंदौर (जनरल): भाजपा, खरगोन (एसटी) भाजपा, खंडवा (जनरल): भाजपा। कुल 71.2 प्रतिशत मतदान।
- नंदुरबार (एसटी): भाजपा, जलगांव (जनरल): भाजपा, रावेर (जनरल): भाजपा, जालना (जनरल): बीजेपी, औरंगाबाद (जनरल): AIMIM मावल (जनरल): शिवसेना (यह पार्टी 2022 में विभाजित हो गई), पुणे (जनरल): बीजेपी, शिरूर (जनरल): एनसीपी (2023 में यह पार्टी विभाजित हो गई), अहमदनगर (जनरल): बीजेपी, शिरडी (एससी): शिवसेना, बीड (जनरल): बीजेपी। कुल 61.02 प्रतिशत मतदान।
- कालाहांडी (जनरल): बीजेपी, नबरंगपुर (एसटी): बीजू जनता दल, बरहामपुर (जनरल): बीजू जनता दल, कोरापुट (एसटी): कांग्रेस। कुल 73.29 प्रतिशत मतदान।
- आंध्र प्रदेश में सभी 25 लोकसभा सीटों पर और राज्य की 175 विधानसभा क्षेत्रों में एक ही दिन मतदान होगा। 2019 के चुनावों में, वाईएस जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनावों में शानदार जीत हासिल की। वाईएसआरसीपी ने 175 विधानसभा सीटों में से 150 और 25 संसदीय क्षेत्रों में से 22 सीटें हासिल कीं। बाकी सीटें एन चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने जीतीं। भाजपा दक्षिणी राज्य में कोई भी सीट हासिल करने में विफल रही थी। कुल 80.38 प्रतिशत मतदान।
- सभी 17 संसदीय सीटों पर मतदान है। 2019 के लोकसभा चुनावों में, बीआरएस ने 9 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया, जबकि कांग्रेस ने तीन निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की। भाजपा ने चार सीटें जीतीं और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने हैदराबाद की एकमात्र सीट हासिल की। कुल 62.77 प्रतिशत मतदान।
- श्रीनगर (जनरल): नेशनल कॉन्फ्रेंस। कुल 44.97 प्रतिशत मतदान।
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