आम आदमी पार्टी प्रमुख केजरीवाल के बयानों से भाजपा शनिवार को काफी परेशान रही लेकिन वो केजरीवाल के सिर्फ एक बयान पर सपाई दे पाई। केजरीवाल ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर मोदी फिर से प्रधानमंत्री बने तो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक करियर तबाह हो जाएगा, उन्हें दो महीने में हटा दिया जाएगा। क्योंकि मोदी ने अपनी पार्टी के कई लोगों का राजनीतिक जीवन तबाह किया है। जिसमें आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे और अब योगी का नंबर है। केजरीवाल ने कहा कि भाजपा के संस्थापकों में से दो लोगों आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को उम्र के कारण रिटायर कर दिया गया। क्योंकि मोदी और अमित शाह ने नियम बना रखा है कि 75 साल में राजनीति से रिटायर हो जाना चाहिए। मोदी जी अगले साल रिटायर होने वाले हैं और वो दरअसल अमित शाह के लिए वोट मांग रहे हैं। भाजपा इस वाले बयान पर ज्यादा तिलमिलाई हुई है।
केजरीवाल के बयान के फौरन बाद अमित शाह ने तेलंगाना में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला ली। अमित शाह ने पार्टी की ओर से स्थिति साफ करते हुए कहा- ''पीएम मोदी के 75 साल के होने पर केजरीवाल को खुश होने की कोई जरूरत नहीं है। मैं अरविंद केजरीवाल एंड कंपनी को बताना चाहता हूं कि आपको मोदीजी के 75 साल के होने पर खुश होने की कोई जरूरत नहीं है। बीजेपी के संविधान में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि वह प्रधानमंत्री नहीं बन सकते।'' वह फिर प्रधानमंत्री होंगे और अपना कार्यकाल पूरा करेंगे, पार्टी में कोई भ्रम नहीं है।”
केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था- "ये लोग इंडिया गठबंधन से उनका चेहरा पूछते हैं। मैं भाजपा से पूछता हूं कि उनका पीएम कौन होगा? मोदी जी अगले साल 17 सितंबर को 75 साल के हो रहे हैं। उन्होंने नियम बनाया था कि 75 साल के लोगों को रिटायर कर दिया जाएगा। उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर, सुमित्रा महाजन को रिटायर कर दिया। वह (मोदी) अगले साल रिटायर हो जाएंगे। वह अमित शाह को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट मांग रहे हैं। क्या शाह मोदीजी की गारंटी पूरी करेंगे?"
अमित शाह के बयान के बाद आप सांसद संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और अमित शाह को जवाब दिया। संजय सिंह ने कहा- "केजरीवाल ने देश के सामने वाजिब मुद्दा उठाया है। अब जब अमित शाह कह रहे हैं कि मोदी प्रधानमंत्री बने रहेंगे, तो मोदी को यह बताना चाहिए कि उन्होंने इतने सारे बीजेपी नेताओं को यह उम्र दिखाकर रिटायर क्यों किया। मोदी खुद यह नियम लेकर आए और उन्हें घोषणा करनी चाहिए कि यह उम्र का फॉर्मूला उन पर लागू नहीं होगा। जैसा कि लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी पर हुआ था।''
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने केजरीवाल को जवाब देते हुए कहा कि केजरीवाल भाजपा के बारे में बात कर रहे थे जबकि वह अपने किसी भी आप सहयोगी पर भरोसा नहीं कर सकते कि वह उनका उत्तराधिकारी बनेगा। केजरीवाल ने अनजाने में सच उजागर कर दिया है - जैसा कि कोई शराब का आदी व्यक्ति करता है कि मोदी चुनाव जीतेंगे।
मोदी की रिटायरमेंट का मुद्दा सोशल मीडिया पर भी बहस का विषय बना हुआ है। बहुत सारे लोग अमित शाह की एक पुरानी प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो शेयर कर रहे हैं, जिसमें शाह भाजपा में रिटायरमेंट की उम्र 75 साल बता रहे हैं। अपूर्व भारद्वाज ने एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है- केजरीवाल ने आज (शनिवार) दावा किया की मोदी चुनाव जीते तो 75 साल होने के बाद अमित शाह को प्रधानमंत्री बना देंगे जिसका अमित शह ने खडंन किया लेकिन 2019 के एक वीडियो में वो बोल रहे है की "75 साल से अधिक उम्र के नेताओं को कोई जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी।''
यूपी की मौजूदा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 2016 में इसी आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने उम्र के बारे में एक्स पर ट्वीट करके यह जानकारी दी थी।
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