loader

लॉकडाउन 5.0: मोदी-शाह ने की मंत्रणा, कंटेनमेंट ज़ोन तक रह सकता है सीमित

लॉकडाउन 5.0 को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच शुक्रवार को चर्चा हुई। शाह सुबह प्रधानमंत्री के आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पहुंचे। लॉकडाउन 4.0 की मियाद 31 मई तक है। ‘इंडिया टुडे’ के मुताबिक़, लॉकडाउन 5.0 में कुछ और रियायतें मिल सकती हैं और सरकार का पूरा फ़ोकस कंटेनमेंट ज़ोन तक सीमित रह सकता है। सरकार लॉकडाउन 5.0 को बढ़ाए जाने के बारे में शनिवार को घोषणा कर सकती है। 

‘इंडिया टुडे’ के मुताबिक़, सरकार द्वारा गठित 11 में 2 पैनल ने अपनी सिफारिशें सौंप दी हैं। इनमें से एक पैनल सीके मिश्रा और डॉ. वीके पॉल का है। इस पैनल ने स्कूल, कॉलेज, मूवी हॉल और धार्मिक स्थानों को छोड़कर बाक़ी जगहों से लॉकडाउन के कारण लगे प्रतिबंधों को हटाने के लिए कहा है। 

हिमाचल प्रदेश ने पहले ही कोरोना प्रभावित जिलों में लॉकडाउन 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया है। बताया जा रहा है कि लॉकडाउन 5.0 में राज्यों को कर्फ़्यू तय करने का अधिकार दिया जा सकता है।

केंद्र सरकार का ध्यान देश के उन 13 महानगरों और जिलों पर ज़्यादा है, जो कोरोना से सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं। देश के 70 फ़ीसदी मामले इन्हीं जगहों से सामने आए हैं। ये हैं - मुंबई की नगरपालिकाएं, चेन्नई, दिल्ली और नई दिल्ली, अहमदाबाद, ठाणे, पुणे, हैदराबाद, कोलकाता/हावड़ा, इंदौर, जयपुर, जोधपुर, चेंगलपट्टू और थिरूवल्लुवर (तमिलनाडु)। 

ताज़ा ख़बरें
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शुक्रवार को कहा कि लॉकडाउन को 15 दिन और बढ़ाए जाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए ऐसा किया जाना ज़रूरी है। 

देश से और ख़बरें

फ़्रंटफ़ुट पर रहे शाह

इससे पहले गुरुवार रात को अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन को लेकर बातचीत की थी और उनसे सुझाव लिए थे। यह पहला मौक़ा था जब शाह ने लॉकडाउन को आगे बढ़ाने के मोर्चे की कमान संभाली जबकि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉकडाउन को बढ़ाने के मसले पर मुख्यमंत्रियों से बातचीत करते रहे हैं। 

लॉकडाउन 4.0 में राज्यों को काफी अधिकार दिए गए थे। इसमें उन्हें ज़ोन तय करने की भी छूट दी गई थी। मोदी सरकार इसे लेकर पसोपेश में है कि जब कोरोना संक्रमण के मामले बेतहाशा रफ़्तार से बढ़ रहे हैं, ऐसे में लॉकडाउन को कितना खोला जाए और किस हद तक पाबंदियां लगाई जाएं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें