Video: Land-for-job case: #LaluYadav leaves from Delhi's Rouse Avenue Court.
— TOI Delhi (@TOIDelhi) March 15, 2023
The court grants bail to Rabri Devi, Misa Bharti, him & other accused in the matter and directed every accused to furnish Rs 50,000 personal bail bond & a like amount surety. pic.twitter.com/oDbGjiNX7U
तेजस्वी यादव के करीबी सूत्रों ने इस कदम के समय की आलोचना करते हुए कहा था कि उन्होंने भाजपा से इस तरह की प्रतिशोध की राजनीति की कभी उम्मीद नहीं की थी जब उनकी पत्नी बच्चे की उम्मीद कर रही थी। उनकी बहन ने कहा कि उनके परिवार को केवल इसलिए "यातना" दी जा रही है क्योंकि उनका परिवार "फासीवादियों और दंगाइयों" के सामने कभी नहीं झुका। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर चल रही राजनीतिक जंग के बीच पिछले हफ्ते आठ विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उन्हें निशाना बनाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने अलग से बयान देकर इन छापों की निन्दा की थी।
कथित घोटाला 2004 और 2009 के बीच हुआ था जब लालू यादव रेल मंत्री थे। चार्जशीट में आरजेडी प्रमुख के अलावा तत्कालीन रेलवे महाप्रबंधक का नाम भी शामिल है।
सीबीआई ने कहा है कि जांच से पता चला है कि उम्मीदवारों को उनकी नियुक्ति के लिए किसी एवजी (स्थानापन्न) की आवश्यकता के बिना विचार किया गया था और उनकी नियुक्ति के लिए कोई जरूरत नहीं थी जो एवजी लोगों की नियुक्ति के पीछे मुख्य मानदंडों में से एक था। लेकिन उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी गई और बाद में उन्हें नियमित कर दिया गया। अभ्यर्थियों के आवेदन पत्रों और संलग्न दस्तावेजों में कई विसंगतियां पायी गयी। उनकी नियुक्ति स्वीकृत नहीं होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा किया गया।
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