पूरा मामला क्या है?
ललित मोदी कभी भारतीय क्रिकेट के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में शुमार रहे थे। आई पी एल जैसी टूर्नामेंट को साकार करने वाले ललितमोदी को किसी वक़्त जीनियस भी कहा जाता था। दुनिया भर के क्रिकेट खेलने वालेखिलाड़ियों को साथ लाना, उन्हें फुटबॉल प्रिमियर लीग की तर्ज पर खेलने का मौकादेना। आई पी एल को खेल की दुनिया में नई क्रांति माना गया था।इस क्रांति को लाने वाले ललित मोदी आई पी एल शुरू होने के दो साल के अंदर पुलिस के रडार पर आ गये थे।वे लंदन में रहते थे जिसकी जानकारी लगभग पूरी दुनिया को थी। भारतीय प्रशासन बार-बार ललित मोदी को वापस लाने की कोशिश कर रहा था लेकिन हर बार नाकामी हाथ लगी।
इस दरमियान ललित मोदी ने प्रशांत महासागर में बसे द्वीपीय देश वानुआटू की नागरिकता लेने की कोशिश की। पिछले पंद्रह सालों से भारत से फ़रार ललित मोदी ने भारतीय प्रशासन को लगभग ठेंगा दिखा ही दिया था, उन्हें वानुआटू की नागरिकता मिलने ही वाली थी कि मामला पलट गया है।
ताजा जानकारियों के अनुसार वानुआटू ने ललित मोदी की नागरिकता को रद्द करने का फैसला लिया है। वहां की सरकार का कहना है कि वे आर्थिक अपराधियों को शरण नहीं देंगे। वानुआटूके प्रधानमंत्री जोथम नापाट ने इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि मोदी का मकसद सिर्फ प्रत्यर्पण यानि वापस भारत भेजे जाने से बचना था। उनकी दिलचस्पी वैध नागरिकता पाने की नहीं थी।
- मनी लॉन्ड्रिंग और फॉरेक्स उल्लंघनः ललित मोदी पर मनी लॉन्ड्रिंग और फॉरेक्स (विदेशी मुद्रा) नियमों के उल्लंघन का आरोप है। ईडी ने 2009 में हुए आईपीएल के टेलीविजन राइट्स सौदे को लेकर उनके खिलाफ कई मामलों में जांच शुरू की।
- 425 करोड़ रुपये का टेलीविजन राइट्स घोटालाः 2009 में, ललित मोदी पर आरोप लगा कि उन्होंने World Sports Group को आईपीएल के मीडिया राइट्स बेचने में अनियमितता की। यह सौदा लगभग 425 करोड़ रुपये का था,और इसमें वित्तीय हेरफेर के गंभीर आरोप हैं। जांच एजेंसियों का कहना है कि इस सौदे से ललित मोदी ने निजी फायदा उठाया और पैसों को ग़लत तरीकेसे विदेश भेजा।
फ्रेंचाइज़ी विवाद और हितों का टकरावः 2010 में, मोदी पर आरोप लगे कि उन्होंने आईपीएल टीमों के फ्रेंचाइज़ी आवंटन में पक्षपात किया और अपने रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की। उदाहरण के लिए, राजस्थान रॉयल्स और किंग्स इलेवन पंजाब जैसी टीमों के मालिकाना हक में उन्होंने कथित रूप से अपने करीबियों को लाभ पहुंचाया।
- ब्लैकमनी और टैक्स चोरीः इनकम टैक्स विभाग ने भी ललित मोदी पर टैक्स चोरी के मामले दर्ज किए। आरोप है कि उन्होंने आईपीएल की की डील में काले धन का इस्तेमाल किया। इस वजह से सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। 2010 में, जब ललित मोदी पर जांच का शिकंजा कसना शुरू हुआ, तो उन्होंने यूके भागने का फैसला लिया था।

- इंटरपोल ने भारत की रेड कॉर्नर नोटिस की मांग को दो बारठुकराया है
- इन्टरपोल का कहना है कि भारतीय एजेंसियों के पास ललित मोदी के खिलाफ़ मजबूत साक्ष्य नहीं हैं।
हालांकि वानुआटू का पासपोर्ट रद्द होने के बाद, ललित मोदी की परेशानियां जरूर बढ़ गई हैं। अब उनके पास विदेश में सुरक्षित रहने के विकल्प सीमित हो रहे हैं। यह भारत की सरकार के लिए सुखद हो सकता है। अगर भारत सरकार दबाव बनाए और इंटरपोल को नए सबूत दे तो ललित मोदी को वापस लाया जा सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत की एजेंसियां इन भगोड़े आरोपियों को वापस लाने के कोई कारगर रास्ता अपनाती है या नहीं या फिर ये आरोपी यूं ही सेफ हैवन तलाशते रहेंगे। देश की सरकार हाथ मलती रह जाएगी।
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