सेंट्रल विस्टा की घोषणा सितंबर 2019 में की गई थी। 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी नींव रखी थी। इसके तहत नया संसद भवन, कई कार्यालय, पुस्तकालय, संसदीय समितियों के लिए अलग-अलग कमरे और कई अन्य कार्य किए जाने हैं।
ये सब काम इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक के क्षेत्र में किया जाना है। इसी पूरे इलाके का नाम सेंट्रल विस्टा है और इसकी परियोजना को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट नाम दिया गया है। इस इलाके में राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, नार्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, इंडिया गेट, नेशनल आर्काइव ऑफ इंडिया समेत कई कार्यालय हैं।
सेंट्रल विस्टा 3.2 किलोमीटर क्षेत्र में फैला पुनर्विकास परियोजना है। इस पुनर्विकास योजना को इसलिए तैयार किया गया है क्योंकि उन इलाकों में बने अधिकतर भवनों को 100 साल से अधिक हो चुके हैं। इसी के बाद सरकार ने 2019 में इसके पुनर्विकास की योजना बनाई। इसको पूरा करने में 20 हजार करोड़ रुपए ख़र्च होंगे।
इस प्रोजेक्ट के तहत नया संसद भवन भी बनाया जा रहा है। इसके निर्माण में 971 करोड़ की लागत आएगी और इसे इस साल तक पूरा किया जाना है। प्रोजेक्ट के तहत मौजूदा संसद भवन के सामने नया तिकोना भवन बनेगा। सांसदों के लिए लॉन्ज, पुस्तकालय, संसद की अलग-अलग समितियों के कमरे, पार्किंग की जगह सहित कई तरह की सुविधाएं इस भवन में उपलब्ध होंगी। नया भवन 64500 स्क्वायर किमी में बनेगा। यहां रेड ग्रेनाइट से बने 15.5 किलोमीटर के वॉकवे से लेकर 16 पुल और फूड स्टॉल तक की व्यवस्था की गई है।
हालाँकि कुछ इमारतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इनमें राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, वॉर मेमोरियल, हैदराबाद हाउस, रेल भवन, वायु भवन रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का हिस्सा नहीं हैं।
इंडिया गेट के दोनों तरफ़ नई दुकानें होंगी, जिनमें अलग-अलग राज्यों के फूड स्टॉल होंगे। टूरिस्ट पहले की तरह अब लॉन में बैठकर घर से लाया खाना नहीं खा सकेंगे। इसके अलावा वेंडर भी खास जोन में ही स्टॉल लगा सकेंगे। दो नई पार्किंग में 1100 से ज्यादा गाड़ियां पार्क की जा सकेंगीं।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को पूरी तरह से 2026 तक पूरा किया जाएगा। फिलहाल, सेंट्रल विस्टा एवेन्यू बन कर तैयार हो चुका है। 106 शौचालय और 16 स्थायी पुल बनाए गए हैं। इस क्षेत्र में 140 नए पेड़ लगाए गए हैं। 477 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए इस एवेन्यू का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज करेंगे। संसद भवन का निर्माण भी लगभग पूरा हो चुका है।
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