तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने अपनी राष्ट्रीय पार्टी का नाम भारतीय राष्ट्र समिति (Bharat Rashtra Samithi या बीआरएस) रखा है। उन्होंने गुरुवार 5 अक्टूबर 2022 को इसकी घोषणा हैदराबाद में की। यहां आयोजित कार्यक्रम में उनकी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने प्रस्ताव पारित कर नाम बदलने की घोषणा की। बीआरएस अब अन्य राज्यों में अपनी यूनिट गठित करेगी और जरूरत पड़ने पर चुनाव भी लड़ेगी। केसीआर का अगला कदम दिल्ली में रैली का है। अभी यह साफ नहीं है कि यह रैली बीआरएस की होगी या फिर विपक्षी दलों की।
केसीआर ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब वो देश में बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बाहर करने के लिए एक राष्ट्रीय मोर्चा बनाना चाहते हैं। हाल ही में उन्होंने कई राज्यों का दौरा भी किया था। यही वजह है कि आज गुरुवार को जब उन्होंने यह कार्यक्रम रखा था कर्नाटक की जेडीएस पार्टी के चीफ और पूर्व सीएम कुमारस्वामी और डीएमके के तमाम नेता इस कार्यक्रम में हैदराबाद पहुंचे।
केसीआर ने वादे के मुताबिक दशहरे पर ठीक 1:19 पर इसका एलान किया। केसीआर लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते रहे हैं। वह कह चुके हैं कि मोदी सरकार को जाना चाहिए और एक गैर बीजेपी सरकार को केंद्र की सत्ता में आना चाहिए।
राष्ट्रीय पार्टी की घोषणा के बाद अब केसीआर सरकार तेलंगाना में चलाई जा रही योजनाओं को देश भर के लोगों के सामने रखेगी। इन योजनाओं में रायथु बंधु और दलित बंधु योजना भी शामिल है। रायथु बंधु का शाब्दिक अर्थ है 'किसान का मित्र'। इस योजना के दो उद्देश्य हैं। पहला, किसानों को शुरुआती निवेश की जरूरतों के लिए समय पर नकद धनराशि देना, दूसरा, यह सुनिश्चित करना कि किसान कर्ज के जाल में न फंसें। तेलंगाना में लाखों किसानों को इस योजना से लाभ मिला है।
केसीआर नई पार्टी के जरिए देश के सामने इस सवाल को भी रखने वाले हैं कि आजादी के 75 साल बाद भी देश के गांवों को बिजली क्यों नहीं उपलब्ध कराई जा सकी है और गरीबों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं को फ्रीबीज क्यों कहा जा रहा है। फ्रीबीज को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच अच्छा-खासा सियासी घमासान हो चुका है और सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले में लंबी चौड़ी बहस हो चुकी है।
तेलंगाना में अगले साल मई में विधानसभा चुनाव होंगे। पीएम मोदी से लेकर और कई बीजेपी नेता तेलंगाना के लगातार दौरे कर रहे हैं। केसीआर के सामने इस बार मजबूत बीजेपी और कांग्रेस है। उन पर और उनके परिवार पर तमाम तरह के आरोप भी हैं। बीजेपी राज्य में तेजी से अपना विस्तार करने में जुटी है। केसीआर को तेलंगाना में बीजेपी से चुनौती मिल रही है और ऐसे में वह भी बीजेपी को तेलंगाना से बाहर घेरने की कोशिश में हैं।
सितंबर की शुरुआत में ही टीआरएस की ओर से यह कहा गया था कि बहुत जल्द एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल और इसकी नीतियों के बारे में एलान किया जाएगा। पिछले महीने केसीआर ने ऐलान किया था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में केंद्र की सत्ता में गैर बीजेपी सरकार आती है तो देशभर के किसानों को मुफ्त बिजली दी जाएगी।
केसीआर के बारे में यह लंबे वक्त से कहा जा रहा है कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी अपने बेटे के. तारक रामाराव को सौंपकर राष्ट्रीय राजनीति में आना चाहते हैं। उनकी कोशिश 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक अलग सियासी मोर्चा बनाने की है और इसके लिए वह तमाम विपक्षी दलों को एक मंच पर लाकर फेडरल फ्रंट बनाना चाहते हैं।
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