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फ़िल्म अभिनेत्री कंगना रनौत अपने ‘भीख में मिली आज़ादी’ वाले बयान पर क़ायम हैं। बीजेपी सांसद वरुण गांधी के द्वारा कड़ी आलोचना के बाद कंगना ने भी उन्हें जवाब दिया है। कंगना को कुछ दिन पहले ही पद्मश्री अवार्ड मिला था।
इस बयान को लेकर कंगना का सोशल मीडिया पर भी जोरदार विरोध हो रहा है और लोगों ने #कंगना_पद्मश्री_वापस_करो को ट्विटर पर ट्रेंड करा दिया है। ट्रेंड कराने वाले लोगों का कहना है कि भीख में पुरस्कार मिल सकते हैं लेकिन आज़ादी नहीं। फ़ेसबुक पर भी कंगना के बयान को लेकर उन्हें जमकर घेरा जा रहा है।
कंगना रनौत ने ‘भीख में मिली आज़ादी’ वाला बयान टाइम्स नाउ न्यूज़ चैनल के एक कार्यक्रम में दिया था। कंगना ने कहा था, '...और उन्होंने एक क़ीमत चुकाई... बिल्कुल वो आज़ादी नहीं थी, वो भीख थी। और जो आज़ादी मिली है वो 2014 में मिली है।' बताना होगा कि 2014 में ही देश में मोदी सरकार सत्ता में आई थी।
कंगना के इस बयान पर सोशल मीडिया और यू ट्यूब चैनलों पर तो तीख़ी प्रतिक्रिया हुई ही, इस पर भी हैरानी जताई गई कि आख़िर कंगना को पद्मश्री अवार्ड क्यों दे दिया गया।
बीते कई दिनों से किसान आंदोलन पर खुलकर अपनी बात रख रहे बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी कंगना रनौत को आईना दिखाया था। वरुण ने ट्वीट कर कहा था कि वे इस सोच को पागलपन कहें या फिर देशद्रोह?
लेकिन शायद कंगना ने मन बना लिया है कि वे ‘भीख में मिली आज़ादी’ वाले बयान से छिड़े घमासान को जिंदा रखेंगी। उन्होंने वरुण गांधी को जवाब देते हुए एक इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा है, “मैं इस बात को कह चुकी हूं कि 1857 की लड़ाई पहली क्रांति थी, जिसे कुचल दिया गया, इसके बाद अंग्रेजों की ओर से और अत्याचार हुए और लगभग एक सदी बाद हमें गांधी के भीख के कटोरे में आज़ादी दी गई...जा और रो अब।”
बयान को लेकर कांग्रेस के नेताओं ने तो कंगना रनौत पर तगड़ा हमला किया ही है, आम आदमी पार्टी ने भी कंगना को निशाने पर लिया है। आम आदमी पार्टी की नेता प्रीति मेनन ने मुंबई पुलिस में शिकायत देकर उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने की मांग की है।
कंगना रनौत अपने विवादित बयानों को लेकर अकसर चर्चा में रही हैं। वह शिव सेना के प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे उद्धव ठाकरे के साथ तू-तड़ाक कर चुकी हैं। कंगना ने उन्हें वंशवाद का नमूना बताया था। कंगना ने उनके मुंबई स्थित ऑफ़िस में तोड़फोड़ करने पहुंची बीएमसी की टीम को बाबर, मुंबई को पीओके और महाराष्ट्र को पाकिस्तान भी कहा था।
कंगना के महात्मा गांधी, देश की आज़ादी को लेकर दिए गए बेहूदे बयानों को लेकर बीजेपी और मोदी सरकार भी निशाने पर है क्योंकि केंद्र सरकार ने ही उन्हें उच्च श्रेणी की सुरक्षा दी है और बीजेपी नेता कंगना का समर्थन करते रहे हैं।
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