नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर कर्नाटक भी उबल रहा है। कर्नाटक के मेंगलुरू में गुरुवार को उग्र प्रदर्शन हुआ था जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। मेंगलुरू में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस कर्मियों को घेरने और उन पर हमला करने की कोशिश की थी जिसके बाद पुलिस ने फ़ायरिंग की थी। इस बवाल में 20 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। लेकिन प्रदर्शन के दौरान कई पत्रकारों को रिपोर्टिंग करने से रोक दिया गया और उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर मेंगलुरू में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों को कवर करने के लिए तमाम संस्थानों के मीडियाकर्मी पहुंचे थे। लेकिन पुलिस ने तीन संस्थानों - न्यूज़ 24, मीडिया वन और एशिया नेट के पत्रकारों को रिपोर्टिंग करने से रोक दिया। ये तीनों ही संस्थान केरल के हैं। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर है जिसमें एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एक रिपोर्टर को ऑन-एयर के दौरान ही रोक देते हैं और उससे उसका पहचान पत्र माँगते हैं। जब वह रिपोर्टर अपने चैनल की आईडी दिखाता है तो पुलिस अधिकारी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि यह मान्यता प्राप्त नहीं है और न ही इसे सरकार के द्वारा जारी किया गया है और वह रिपोर्टर से वहां से चले जाने को कहते हैं।
इन मीडिया चैनलों के रिपोर्टर मेंगलुरू में प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के रिश्तेदारों का इंटरव्यू करने के लिए गए थे। वीडियो में दिख रहा है कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जो अपने एक दर्जन पुलिसकर्मियों के साथ वहां खड़े हैं, वह एक मकान से बाहर आते हैं और मीडिया वन के रिपोर्टर से कहते हैं, ‘आप अपना कैमरा बंद कीजिए और अपना आई कार्ड दिखाइए जिससे यह पता चले कि आप वास्तव में मीडिया से ही हैं।’
लेकिन जब कैमरामैन कैमरे को बंद नहीं करते और रिपोर्टर पुलिस अधिकारी से बात चालू रखते हैं तो वह पुलिस अधिकारी कहते हैं, ‘आपका यह कार्ड मान्यता प्राप्त नहीं है, इसे सरकार ने जारी नहीं किया है और आपके पास इसकी (शूट करने की) अनुमति नहीं है, केवल मान्यता प्राप्त पत्रकारों को ही इसकी अनुमति है।’
तभी एक अन्य पुलिस अफ़सर रिपोर्टर के माइक्रोफ़ोन पर अपना हाथ रखता है और उन्हें चेतावनी देता है। इसे लेकर मेंगलुरू पुलिस के आयुक्त पीएस हर्षा ने एक बयान जारी कर कहा है कि कुछ लोग जिनके पास किसी अथॉारिटी द्वारा जारी किये गये मान्यता प्राप्त आई कार्ड नहीं हैं और जो किसी मीडिया संस्थान से नहीं हैं और जिनके पास ऐसी चीजें हैं जिनका रिपोर्टिंग से कोई लेना-देना नहीं हैं, ऐसे लोगों से सवाल पूछे जा रहे हैं।
इस बारे में केरल सरकार के एक मंत्री ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया कि मुख्य सचिव ने इस बारे में कर्नाटक सरकार से बात करने और मामले की जाँच करने के निर्देश दिए हैं।
मेंगलुरू हिंदुत्व समर्थक संगठनों का गढ़ रहा है और काफ़ी संवेदनशील भी है। कुछ साल पहले मेंगलुरू का नाम तब चर्चा में आया था जब विवादित दक्षिणपंथी संगठन श्रीराम सेना ने एक पब में महिलाओं की पिटाई की थी। परशुराम वाघमारे नाम के एक शख़्स को पत्रकार और लेखिका गौरी लंकेश हत्याकांड में एसआईटी ने अभियुक्त बनाया था। कहा गया था कि वाघमारे का संबंध श्रीराम सेना से है। हालाँकि संगठन ने इससे इनकार किया था। श्रीराम सेना के प्रमुख प्रमोद मुथालिक के उस बयान को लेकर ख़ासा विवाद हुआ था जिसमें उन्होंने गौरी लंकेश की हत्या की तुलना कुत्ते की मौत से की थी।
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