- Students in library with ‘masks’
— Amit Malviya (@amitmalviya) February 16, 2020
- Reading from shut books
- Looking anxiously towards the entrance rather than being relaxed and immersed in studies, which is what a library is meant for...
Anatomy of Jamia rioters who tried hiding in the library after a stone pelting session? pic.twitter.com/lgF8WnLVkP
विशेष उपायुक्त (क्राइम) प्रवीर रंजन ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'ऐसा लगता है कि छात्र लाइब्रेरी में पत्थर के साथ तैयार बैठे थे, लाइब्रेरी में मास्क लगा कर कौन बैठता है? वे निहत्थे नहीं थे।'
वह कौन है?
सीसीटीवी फ़ुटेज में रीडिंग रूम में बंद किताब के सामने बैठे उस छात्र का नाम है सलमान, जो सिविल इंजीनियरिंग में पीएच डी कर रहे हैं। उन्होंने इसके पहले जामिया से ही एम. टेक किया।मास्क क्यों पहना था?
सलमान ने लाइब्रेरी में मास्क लगाए रहने पर सफ़ाई दी। उन्होंने बीबीसी से कहा, 'दरअसल, पुलिस ख़ूब आंसू गैस के गोले छोड़ रही थी। मैं लाइब्रेरी आया तो कुछ बच्चे बेचैन इधर-उधर घूम रहे थे क्योंकि उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी। पुलिस लगातार आंसू गैस छोड़ती जा रही थी, सांस लेना मुश्किल था।'
'मैं पत्थरबाज नहीं'
उन्होंने पत्थरबाज होने से साफ़ इनकार कर दिया। सलमान ने बीबीसी से कहा, 'पुलिस ने भी वीडियो में अपना मुंह ढका है उसने ऐसा क्यों किया? वीडियो में ऐसा तो है नहीं कि बस मैंने मुंह और नाक ढकी है। मेरी ही तरह पुलिस भी तो अपना चेहरा ढककर हमें मार रही थी। लेकिन मुझे बड़ी आसानी से 'पत्थरबाज़' कह दिया जा रहा है। हमारी आँखें और त्वचा भी जल रही थी आंसू गैस के कारण।'बंद किताब पढ़ रहे थे?
लेकिन उनके सामने तो बंद किताब रखी हुई थी। इसका क्या कारण है? सलमान इस पर भी सफ़ाई देते हैं। वे कहते हैं, "मेरे सामने जो हरे रंग की किताब रखी है वह मेरी ही है, वो इंजीनियरिंग सर्विस में एक नॉन-टेक पेपर होता है उसकी किताब है। अगर मैं भागकर बाहर से आया होता तो अपने ही विषय की किताब लेकर बैठता और क्या मुझे उस किताब का नाम अब तक याद भी होता?'
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