अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस पर आज शनिवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी हमला बोला। लेकिन जयशंकर ने एक बार भी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की तरह यह नहीं कहा कि सोरोस का बयान भारत पर हमला है। जयशंकर इस समय विदेश में हैं। वो ऑस्ट्रेलिया में बहुत आसानी से ईरानी जैसी बात कह सकते थे और वहां से संदेश भी तमाम देशों में जाता, लेकिन जयशंकर संयमित रहे। सोरोस की आलोचना जयशंकर ने अन्य वजहों से की। सोरोस ने कल शुक्रवार को अडानी मामले में पीएम मोदी की चुप्पी की आलोचना की थी और कहा था कि मोदी लोकतांत्रिक शख्स नहीं हैं।
विदेश मंत्री जयशंकर ने 92 वर्षीय सोरोस पर निशाना साधते हुए उन्हें "बूढ़ा, अमीर, विचारों वाला" शख्स कहा।
रायसीना @ सिडनी डायलॉग में ऑस्ट्रेलियाई मंत्री क्रिस ब्राउन के साथ एक सत्र को संबोधित करते हुए, जयशंकर ने कहा, सोरोस न्यूयॉर्क में बैठे एक पुराने, समृद्ध विचारों वाले व्यक्ति हैं जो अभी भी सोचते हैं कि उनके विचारों के हिसाब से तय होना चाहिए कि पूरी दुनिया कैसे काम करती है ... दरअसल, ऐसे लोग नेरेटिव तय करने के लिए निवेश करते हैं।
जयशंकर ने कहा-
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'उनके जैसे (सोरोस) लोग' सोचते हैं कि चुनाव तभी अच्छा है जिसे वे जीतते हुए देखना चाहते हैं। यदि चुनाव अलग नतीजा देता है, तो वे कहेंगे कि यह एक त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र है। और खूबसूरती यह है कि यह सब खुले समाज की हिमायत के बहाने किया जाता है।
-एस. जयशंकर, विदेश मंत्री, 18 फरवरी, 2023 सिडनी में
हंगेरियन-अमेरिकी कारोबारी सोरोस, ने 'लोकतांत्रिक शासन को बढ़ावा देने' के लिए ओपन सोसाइटी फ़ाउंडेशन की स्थापना की है। उन्होंने पीएम मोदी को अलोकतांत्रिक" कहा था, यह आरोप लगाते हुए कि मुसलमानों के खिलाफ हिंसा भड़काना उनके उभरने का एक महत्वपूर्ण कारण था।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा-
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वो (सोरोस) जो भी सोचें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। यह 1.4 अरब लोगों का देश है। जिसके मतदाता तय करते हैं कि देश को कैसे चलाना चाहिए। सोरोस जैसों के बयान हमें चिंतित करते हैं। हम एक ऐसे देश हैं जो गुलामी से गुजरे है, हम जानते हैं कि जब बाहरी हस्तक्षेप होता है तो क्या होता है।
-एस. जयशंकर, विदेश मंत्री, 18 फरवरी, 2023 सिडनी में
सोरोस की इस टिप्पणी पर कि पीएम मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं, विदेश मंत्री ने भारत में मुसलमानों की नागरिकता के लिए कथित खतरे पर अपनी पिछली टिप्पणियों की ओर इशारा किया और सोरोस के बयान को "हास्यास्पद" कहा। उन्होंने पहले हम पर लाखों मुसलमानों से उनकी नागरिकता छीनने की योजना बनाने का आरोप लगाया था, जो निश्चित रूप से नहीं हुआ।
सोरोस ने कहा था कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, लेकिन उन्हें नहीं लगता कि भारत के प्रधान मंत्री लोकतांत्रिक हैं।
अगर आप इस तरह की डराने-धमकाने (सीएए-एनआरसी) की कोशिश करते हैं... तो लाखों लोग नागरिकता से वंचित हो जाएंगे। यह वास्तव में सामाजिक ताने-बाने को वास्तविक नुकसान पहुंचाता है क्योंकि कोई व्यक्ति आप पर विश्वास करता है। आप उस तरह का डर पैदा करते हैं।
स्मृति ईरानी ने कल शुक्रवार को भारतीयों से एकजुट होकर 'भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करने की कोशिश करने वाली विदेशी शक्तियों' का जवाब देने का आह्वान किया था।
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