जब से @amitshah गृह मंत्री बने हैं, दिल्ली में तशद्दुद के वाक़िआत आम हो गए हैं। क्या इन तमंचा-धारियों पर 'आर्म्स एक्ट' नहीं लगेगा? आपकी पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ्तार किया है, सब के सब मुसलमान हैं। 1/n pic.twitter.com/Z5zTJuuiDG
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 17, 2022
बता दें कि दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हनुमान जयंती पर शोभा यात्रा के दौरान साम्प्रदायिक हिंसा हुई थी। फरवरी 2020 के दंगों के बाद से दिल्ली में पहली सांप्रदायिक भड़क में, 16 अप्रैल को शहर के जहांगीरपुरी इलाके में एक हनुमान जयंती जुलूस के दौरान पथराव और झड़प के कारण 8 पुलिसकर्मी और एक नागरिक घायल हो गए थे। इसके बाद, वहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि कोई और अप्रिय घटना न हो। पुलिस का फ्लैग मार्च भी हो रहा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री की बुज़दिली है कि वो दोषी का नाम नहीं ले सकते, जुलूस में बन्दूक और तमंचे लेकर घूमने वालों के ख़िलाफ़ इनका मुंह नहीं खुलता। मस्जिदों को नापाक करने की कोशिश करने वाली भीड़ की निंदा भी नहीं होती। 3/n https://t.co/uBmENkplu9
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 17, 2022
यह मामला अपराध शाखा को ट्रांसफर कर दिया गया था जो जिला पुलिस की मदद से आगे की जांच करेगी। रविवार की रात, दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने सब-इंस्पेक्टर मेदा लाल से मुलाकात की। जो गोली लगने से घायल हो गए थे। उन्हें विभाग से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
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