पहला बयान
स्थानीय लोगों के अनुसार, हनुमान जयंती जुलूस, जिसके दौरान हिंसा भड़की, शनिवार शाम 5.40 बजे शुरू हुआ। लोगों ने बताया कि जुलूस के दूसरे समुदाय के धार्मिक स्थल पर पहुंचने से ठीक पहले हंगामा हो गया। यह आरोप लगाया गया है कि रैली में शामिल लोगों ने जोरदार नारे लगाए, म्यूजिक बजाया और धार्मिक स्थल पर झंडा लगाने की कोशिश की। कुछ लोगों ने कहा कि इसी वजह से यह झड़प हुई। उन्होंने कहा कि इसी तरह की हनुमान जयंती की रैलियां सुबह उसी इलाके में शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई थीं। अन्य लोगों ने घटनाओं की इस वजह का खंडन करते हुए कहा कि हनुमान जयंती रैलियों को अन्य स्थानों पर भी टारगेट किया जा रहा था।दूसरा बयान
घटना की एक अन्य वजह के अनुसार, जोरदार संगीत बजने के कारण धार्मिक जुलूस को कथित रूप से रोक दिए जाने के बाद झड़पें शुरू हो गईं। पुलिस को झड़प की सूचना शाम 6.20 बजे मिली। शाम सात बजे तक अतिरिक्त बल मौके पर पहुंच गया था। एक घंटे के भीतर स्थिति पर काबू पा लिया गया।क्या गोलियां चलाईं गईं?
भारी पथराव और आगजनी के अलावा, पुलिस को शक है कि झड़पों के दौरान गोलियां चलाई गईं। एक पुलिस कर्मी को कथित तौर पर बंदूक की गोली के घाव हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, छह राउंड फायरिंग की गई, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।इस बीच, पुलिस यह देखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है कि क्या घरों की छतों पर पत्थर रखे गए थे।पुलिस ने करीब पंद्रह संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। बीती रात पुलिस ने कई संवेदनशील इलाकों में निगरानी रखी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी संजय सेन ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कुछ हिस्सों में तनाव के बारे में अफवाहों को खारिज कर दिया, जिसमें 2020 में दंगे हुए थे। पुलिस ने कहा कि शांति है और लोगों से अपील की कि वे सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों पर विश्वास न करें।
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