भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने कहा है कि नये रॉकेट के साथ लॉन्च किए गए उपग्रह इस्तेमाल के योग्य नहीं हैं क्योंकि वे ग़लत कक्षा में स्थापित हो गए हैं।
इसरो के नये विकसित छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान यानी एसएसएलवी से पहली उड़ान में रविवार सुबह दो उपग्रह भेजे गए थे। लेकिन रॉकेट के अंतिम चरण में कुछ डेटा में समस्या आ गई थी। शुरुआती तौर पर अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा था कि प्रक्षेपण में कुछ दिक्कत आई गई, जबकि अब इसने कहा है कि उपग्रह अब उपयोग करने योग्य नहीं है क्योंकि एसएसएलवी डी 1 ग़लत कक्षा में स्थापित हो गया है।
(1/2) SSLV-D1/EOS-02 Mission update: SSLV-D1 placed the satellites into 356 km x 76 km elliptical orbit instead of 356 km circular orbit. Satellites are no longer usable. Issue is reasonably identified. Failure of a logic to identify a sensor failure and go for a salvage action
— ISRO (@isro) August 7, 2022
इसरो ने ट्वीट किया है कि 'एसएसएलवी-डी1 ने उपग्रहों को 356 किमी वृत्ताकार कक्षा के बजाय 356 किमी x 76 किमी के एलिप्टिकल कक्षा में स्थापित किया। उपग्रह अब प्रयोग करने योग्य नहीं हैं। समस्या की तार्किक पहचान की गई है।' इसने आगे कहा है कि सेंसर विफलता की वजह से रॉकेट अपने पाथ से विचलित हुआ। इसने यह भी कहा, 'एक समिति विश्लेषण और सिफारिश करेगी। सिफारिशों के कार्यान्वयन के साथ इसरो जल्द ही एसएसएलवी-डी2 के साथ वापस आएगा।'
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