सीबीआई की विशेष अदालत ने आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ़्तार पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की सीबीआई हिरासत पाँच सितंबर तक बढ़ा दी है। हालाँकि सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह अब पी. चिदंबरम की आगे की हिरासत नहीं चाहती है। जाँच एजेंसी ने माँग की कि अब चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया जाए। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि चिदंबरम को पाँच सितंबर तक सीबीआई हिरासत में ही रखा जाए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह मंगलवार को इस मामले की दोबारा सुनवाई करेगा। बता दें कि चिदंबरम 21 अगस्त से सीबीआई की हिरासत में हैं।
सीबीआई पहले की सुनवाइयों में कहती रही थी कि चिदंबरम मामले में सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं और इसी आधार पर हिरासत बढ़ाने की माँग करती रही थी। इससे पहले 30 अगस्त को हिरासत अवधि दो सितंबर तक बढ़ा दी थी। तब सीबीआई ने पाँच दिन की हिरासत माँगी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 3 दिन की हिरासत ही दी थी। कोर्ट ने तब सीबीआई से कहा था कि आप हर बार 5 दिन की हिरासत क्यों माँगते हैं, एक साथ ही 15 दिन की कस्टडी क्यों नहीं माँगी। इससे पहले भी सीबीआई ने दो बार पाँच-पाँच दिन की सीबीआई हिरासत माँगी थी। लेकिन चार-चार दिन की हिरासत ही मिल पाई थी।
एजेंसी ने बार-बार कोर्ट से शिकायत की कि पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे। बता दें कि गिरफ़्तारी के अगले ही दिन सीबीआई की अदालत में पेश किए जाने पर सीबीआई ने चिदंबरम को 5 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने की माँग करते हुए तर्क दिया था कि चिदंबरम उनसे पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं, वह पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं और उन्होंने ज़रूरी काग़जात भी पेश नहीं किए हैं।
आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका को रद्द किये जाने के बाद चिदंबरम को दिल्ली के जोरबाग स्थित उनके आवास से सीबीआई ने गिरफ़्तार कर लिया गया था। आरोप है कि 2007 में जब पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे तब नियमों को ताक पर रखकर आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश की मंज़ूरी दिलायी गयी थी।
आईएनएक्स मामले में दो एजेंसियाँ सीबीआई और ईडी यानी एनफ़ोर्समेंट डायरेक्टरेट चिदंबरम की गिरफ़्तारी में जुटी रही थीं। चिदंबरम ने गिरफ़्तारी से बचने के लिए पहले दिल्ली हाई कोर्ट में अग्रिम ज़मानत के लिए याचिका लगाई और जब यह ख़ारिज हो गई तब सुप्रीम कोर्ट में। सुप्रीम कोर्ट से भी तत्काल राहत नहीं मिलने पर सीबीआई ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया था, लेकिन ईडी गिरफ़्तार नहीं कर पाई थी। ईडी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम को 5 सितंबर तक गिरफ़्तारी से राहत दी है। अब अगली सुनवाई में इस पर आगे फ़ैसला होगा।
चिदंबरम के ख़िलाफ़ यह कार्रवाई आईएनएक्स मीडिया मामले में की जा रही है। आरोप है कि 2007 में जब पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे तब नियमों को ताक पर रखकर आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश की मंज़ूरी दिलायी गयी थी। यह भी आरोप है कि कार्ति चिदंबरम ने अपने पिता पी. चिदंबरम के ज़रिए आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड से विदेशी निवेश की मंज़ूरी दिलाई थी। हालाँकि चिदंबरम सीबीआई के इन आरोपों को ख़ारिज़ करते रहे हैं। वह कहते रहे हैं कि इन कंपनियों के विदेशी निवेश के प्रस्तावों को मंज़ूरी देने में कोई भी गड़बड़ी नहीं की गयी है।
अपनी राय बतायें