आईएनएक्स मीडिया मामले में तहक़ीक़ात में जुटी सीबीआई अब पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के साथ वित्त मंत्रालय में काम कर चुके चार पूर्व अधिकारियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलायेगी और उसे इस संबंध में केंद्र सरकार से अनुमति भी मिल गई है। इन अधिकारियों में नीति आयोग की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिंधुश्री खुल्लर, वित्त विभाग के पूर्व संयुक्त सचिव अनूप पुजारी, वित्त मंत्रालय के पूर्व निदेशक प्रबोध सक्सेना और पूर्व अवर सचिव रबिन्द्र प्रसाद के नाम शामिल हैं। क़ानून के मुताबिक़, पूर्व अधिकारियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने के लिए सरकार से अनुमति लेना ज़रूरी होता है। खुल्लर उस समय वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव थीं जब आईएनएक्स मीडिया में विदेशी निवेश को मंजूरी दी गई थी। बता दें कि आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम भी अभियुक्त हैं और इन दिनों तिहाड़ जेल में सीबीआई की हिरासत में हैं।
जनवरी में सीबीआई ने चिदंबरम और इन अधिकारियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की अनुमति सरकार से मांगी थी और फ़रवरी में सरकार ने चिदंबरम के ख़िलाफ़ केस चलाने के लिए हां कह दिया था लेकिन अन्य अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई के लिए सीबीआई को सरकार की हां का इंतजार था। ये सभी अधिकारी यूपीए की सरकार के दौरान वित्त मंत्रालय में कार्यरत थे। केंद्रीय सतर्कता आयोग ने भी इस साल जून में चारों अधिकारियों के ख़िलाफ़ मुकदमा चलाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था।
सीबीआई इस साल अगस्त में चिदंबरम से सिंधुश्री खुल्लर का आमना-सामना करवा चुकी है।
एनडीटीवी के मुताबिक़, सीबीआई को वित्त और कार्मिक मंत्रालय से इस संबंध में सितंबर के दूसरे सप्ताह में अनुमति मिली है। चिदंबरम के मातहत काम कर चुके इन चारों अधिकारियों के नाम अक्टूबर में चार्जशीट में डाले जाएंगे और इन सभी को पूछताछ के दौरान चिदंबरम के सामने लाया जायेगा। एनडीटीवी के मुताबिक़, इन चारों अधिकारियों के अलावा विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड के किसी अन्य अधिकारी का नाम चार्जशीट में नहीं होगा।
आरोप है कि 2007 में जब पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे तब नियमों को ताक पर रखकर आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश की मंज़ूरी दिलायी गयी थी।
यह भी आरोप है कि कार्ति चिदंबरम ने अपने पिता पी. चिदंबरम के ज़रिए आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड से यह मंज़ूरी दिलाई थी। हालाँकि चिदंबरम सीबीआई के इन आरोपों को ख़ारिज़ करते रहे हैं और कहते रहे हैं कि इन कंपनियों के विदेशी निवेश के प्रस्तावों को मंज़ूरी देने में कोई भी गड़बड़ी नहीं की गयी है।
ख़बरों के मुताबिक़, चिदंबरम और कार्ति के ख़िलाफ़ जो केस दर्ज हुआ है, वह इंद्राणी मुखर्जी के बयान के आधार पर किया गया है। इंद्राणी मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी की पत्नी हैं। लेकिन इंद्राणी मुखर्जी ख़ुद अपनी बेटी शीना बोरा के मर्डर के मामले में जेल में बंद हैं। इस मामले में उनके पति पीटर मुखर्जी को भी सीबीआई ने गिरफ़्तार कर लिया था और वह भी जेल में हैं।
इंद्राणी ने 2018 में पीटर मुखर्जी से तलाक़ की अर्जी अदालत में दाख़िल की थी और वह आईएनएक्स मीडिया मामले में सरकारी गवाह बन गई थीं। कहा जाता है कि इंद्राणी मुखर्जी का सरकारी गवाह बन जाना ही चिदंबरम के लिए मुसीबत साबित हुआ।
अपनी राय बतायें