हरियाणा के नूंह में सोमवार से इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। 15 दिनों पहले हिंसक झड़पों की वजह से नूंह और आसपास के शहरों में इंटरनेट बैन कर दिया गया था। लेकिन सरकार का यह फैसला कई सवाल खड़े कर रहा है। हिन्दू संगठनों ने रविवार को पलवल के पोंडरी गांव में महापंचायत करके 28 अगस्त को नूंह के नलहर मंदिर से फिर जलाभिषेक यात्रा निकालने की घोषणा की है। इसे लेकर फिर से तनाव बढ़ सकता है। ऐसे में इंटरनेट खुलने का असामाजिक और सामप्रदायिक तत्व फायदा नहीं उठाएंगे, इसकी गारंटी नहीं है।
नूंह से कुछ किलोमीटर की दूरी पर पलवल जिले के पोंडरी गांव में रविवार को हुई हिन्दू महापंचायत में जमकर समुदाय विशेष के खिलाफ उग्र भाषण दिए गए। खुलेआम धमकियां मिलीं। राइफल के लाइसेंस देने की मांग की गई। पलवल जिला प्रशासन ने सरकार के आदेश पर पहले इस महापंचायत को अनुमति नहीं दी लेकिन बाद में अचानक कुछ शर्तें लगाकर अनुमति भी दे दी।
पलवल के एसपी लोकेंद्र कुमार ने महापंचायत के आयोजकों से कहा था कि कार्यक्रम के दौरान न तो कोई हेट स्पीच होगी और न ही 500 से ज्यादा लोग जुटेंगे। लेकिन आयोजकों ने दोनों ही शर्तों को तोड़ दिया। हालांकि पलवल प्रशासन ने आयोजकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
क्या धार्मिक यात्रा फिर निकलेगीः वीएचपी, बजरंग दल के नेताओं ने रविवार को पोंडरी महापंचायत में कहा कि 28 अगस्त को नूंह के नल्हर मंदिर से बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा फिर से निकाली जाएगी। हरियाणा सरकार ने अभी तक कानून व्यवस्था के मद्देनजर इस प्रस्तावित यात्रा को लेकर किसी भी तरह की स्थिति साफ नहीं की है। अलबत्ता जिस तरह से उसने महापंचायत को अंतिम समय में अनुमति दी, वो इस धार्मिक यात्रा को अनुमति देगी। लेकिन इस बार पिछली बार की तरह गलती नहीं होगी। उम्मीद है कि पर्याप्त पुलिस फोर्स होगी और यात्रा का रूट विवादास्पद नहीं होगा। हालांकि इलाके के जनसंगठनों का कहना है कि अगर यात्रा को फिर से अनुमति मिली तो तनाव बढ़ सकता है।
नूंह जिला खत्म करने की मांग
पोंडरी महापंचायत में नूंह का जिला दर्जा खत्म करने की मांग भी हिन्दू संगठनों ने रखी। उनका कहना था कि मेवात को गोहत्या मुक्त क्षेत्र बनाने के लिए नूंह से उसका जिला वाला दर्जा छीन लिया जाए। दक्षिण हरियाणा के सामाजिक कार्यकर्ता और कांग्रेस प्रवक्ता वेद प्रकाश विद्रोही ने इस मांग को हास्यास्पद बताया है। विद्रोही ने ट्वीट में लिखा है- पलवल जिले के पौंडरी गांव में रविवार को हुई कथित महापंचायत में नूंह जिले को खत्म करने की मांग हास्यास्पद! यदि कल मेवात के लोग ऐसे ही पंचायत करके पलवल जिले को खत्म करने की मांग कर दें,तब पलवल_जिले के नागरिकों को कैसा महसूस होगा?द्वेष, सांप्रदायिकता की भी हद!
मुलजिम मोनू मानेसर
मोनू मानेसर की गिरफ्तारी कब
नूंह में 31 जुलाई को हुई हिंसा के लिए मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी की सोशल मीडिया पोस्ट को जिम्मेदार बताया गया था। मोनू मानेसर पर दोहरी हत्या का केस भी दर्ज है। हिंसा के बाद हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा था कि मोनू मानेसर को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। लेकिन अभी तक मोनू मानेसर की गिरफ्तारी नहीं हुई है। हाल ही में हरियाणा के किसान संगठनों और खाप पंचायतों ने राज्य में शांति बहाली के लिए मोनू मानेसर की गिरफ्तारी की मांग की थी। उस मांग के बाद हिन्दू संगठनों ने उल्टा पंचायत करके मोनू का नाम एफआईआर से हटाने की मांग रख दी है।
31 जुलाई को नूंह में बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा निकालने की घोषणा वीएचपी और बजरंग दल ने की थी। लेकिन उससे दो दिन पहले कथित गौरक्षक मोनू मानेसर ने सोशल मीडिया पर अपना वीडियो जारी कर नूंह में धार्मिक यात्रा में शामिल होने की घोषणा की। एक और कथित गौरक्षक बिट्टू बजरंगी ने आपत्तिजनक भाषा में इसी तरह का वीडियो जारी किया। दोनों वीडियो आने से यात्रा के पहले ही नूंह समेत पूरे मेवात में तनाव फैल गया। लोगों ने पुलिस में इसकी शिकायत भी की थी।
पुलिस ने कहा कि झड़प में मोनू मानेसर की भूमिका की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा। लेकिन अभी तक न तो इस एसआईटी के बनने और न ही जांच शुरू होने की कोई बात सामने आई है।
अधिकारियों ने कहा कि नूंह हिंसा के सिलसिले में 390 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 118 अन्य को हिरासत में लिया गया है।
पुलिस ने भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट के लिए 100 से अधिक एफआईआर दर्ज की हैं। पुलिस ने कहा कि कुछ ट्विटर खातों की भी पहचान की गई है जिन्होंने हिंसा के बीच भड़काऊ सामग्री पोस्ट की थी।
पिछले सप्ताह नूंह में स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान फिर से खुल गए। हरियाणा राज्य परिवहन की बस सेवाएं भी पूरी तरह से बहाल कर दी गई हैं।
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