यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वहां से ला रहा विमान शनिवार शाम को 4 बजे मुंबई पहुंच जाएगा। यूक्रेन से इन भारतीयों का पहला बैच रोमानिया पहुंच गया था। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट कर कहा है कि सरकार भारतीयों को यूक्रेन से निकालने का काम तेजी से कर रही है और वह व्यक्तिगत रूप से इस काम की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि रोमानिया से 219 भारतीय यात्रियों को लेकर पहली फ्लाइट चल चुकी है। शाम तक यह फ्लाइट मुंबई पहुंच जाएगी।
शुक्रवार को भी 470 से ज्यादा छात्रों को यूक्रेन से बाहर निकाला गया था और उन्हें रोमानिया पहुंचाया गया था। इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय नागरिकों से कहा है कि वे भारत सरकार के साथ बिना किसी तालमेल के बॉर्डर पोस्ट तक ना पहुंचें।
कीव में स्थित भारतीय दूतावास ने कहा है कि बॉर्डर के कई इलाकों में हालात बेहद नाजुक हैं और दूतावास लगातार पड़ोसी देशों के दूतावासों के साथ संपर्क कर यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने की कोशिश कर रहा है।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की वजह से 20,000 भारतीय वहां फंस गए हैं। इनमें बड़ी संख्या में छात्र भी हैं। इसके अलावा भी दूसरे कई देशों और यूक्रेन के लोग लगातार मुल्क को छोड़कर जा रहे हैं। क्योंकि यूक्रेन के कई शहरों में बमबारी हो रही है और रूसी सेनाओं और यूक्रेन के सैनिकों के बीच राजधानी कीव में जोरदार युद्ध चल रहा है।
शुक्रवार को एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें 40 भारतीय छात्र पैदल यूक्रेन-पोलैंड के बॉर्डर तक पहुंचे थे। उनके कॉलेज की बस ने उन्हें बॉर्डर से 8 किलोमीटर दूर छोड़ दिया था। यूक्रेन में फंसे भारतीयों के परिजन लगातार सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि किसी भी तरह उन्हें वहां से सुरक्षित निकाल लिया जाए इसके वीडियो और फोटो भी सोशल मीडिया पर लगातार आ रहे हैं कि किस तरह भारतीय छात्र वहां पर मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।
क्योंकि यूक्रेन ने अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है इसलिए ऐसे हालात में वहां फंसे भारतीयों को यूक्रेन से निकालने के लिए सड़क मार्ग का इस्तेमाल किया जा रहा है।
विदेश मंत्रालय ने 24 घंटे चलने वाला एक कंट्रोल रूम भी तैयार किया है जो यूक्रेन में फंसे भारतीयों को मदद उपलब्ध करा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की तो उन्होंने यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारतीयों को यूक्रेन से निकालना उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है।
यूक्रेन, हंगरी और पोलैंड में स्थित भारतीय दूतावासों ने कई एडवाइजरी जारी की हैं और इसमें बताया गया है कि जरूरत पड़ने पर लोग किस तरह शेल्टर ढूंढ सकते हैं।
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