रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा है कि वह यूक्रेन में फंसे भारत के छात्रों को निकालने के लिए तैयार है। रूस ने यह भी कहा है कि उसकी बसें पूर्वी यूक्रेन के शहरों खारकीव और सुमी जाने के लिए तैयार खड़ी हैं और इनके जरिये वह भारत के साथ ही दूसरे मुल्कों के लोगों को भी यूक्रेन से निकाल कर लाएगा।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक बार फिर शुक्रवार को आपात बैठक बुलाई गई थी। यह आपात बैठक रूस के द्वारा यूरोप के सबसे बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट पर किए गए हमले के बाद बुलाई गई थी।
हालांकि हमले के बाद पावर प्लांट में लगी आग को जल्द ही बुझा लिया गया था लेकिन इससे यूरोप के तमाम देशों में खलबली मच गई थी। इस बीच यह खबर भी आई है कि यूक्रेन ने इस पावर प्लांट पर फिर से कब्जा कर लिया है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान रूस के स्थाई प्रतिनिधि ने कहा कि रूस की सेना यूक्रेन में फंसे दूसरे मुल्कों के लोगों को वहां से निकालने के लिए हर कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूक्रेन के लोगों ने 3700 भारतीय नागरिकों को जबरन खारकीव और सुमी में पकड़ कर रखा हुआ है।
उन्होंने कहा कि आतंकवादी यह नहीं चाहते कि आम नागरिक शहरों से निकल जाएं। इसका असर न सिर्फ यूक्रेन के लोगों पर बल्कि विदेश के लोगों पर भी पड़ रहा है।
हालांकि भारत ने बात से इनकार किया था कि किसी भी भारतीय को यूक्रेन में बंधक बनाया हुआ है।
रूस के स्थाई प्रतिनिधि ने बैठक में कहा कि रूस के बेलगोरोड़ इलाके में 130 बसें सुमी और खारकीव जाने के लिए तैयार खड़ी हैं।
युद्ध के हालात के बीच जब रूस पर दुनिया के तमाम देश आर्थिक व दूसरे प्रतिबंध लगा रहे हैं ऐसे में वह वहां फंसे नागरिकों को बाहर निकालने के लिए राजी होने की बात कह जरूर रहा है लेकिन उसे ऐसा हकीकत में करना भी होगा। क्योंकि उसकी सेना द्वारा की जा रही बमबारी में अब तक यूक्रेन के सैनिकों के अलावा कई आम लोगों की भी मौत हुई है। इसमें एक भारतीय छात्र भी शामिल है।
अपनी राय बतायें