MEA: We"ll decide a further course of action after receiving a detailed report from our Charge d’ Affaires and determining the extent of conformity to the ICJ directives. External Affairs Minister has spoken to the mother of #KulbhushanJadhav & briefed her of today’s developments https://t.co/N3UlP5Hu02
— ANI (@ANI) September 2, 2019
इससे पहले इस साल जुलाई महीने में अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगा दी थी। अदालत ने कहा था कि जाधव को काउंसलर एक्सेस मिलना चाहिए और यह उसका अधिकार है। अदालत ने यह भी कहा था कि पाकिस्तान ने वियना समझौते का उल्लंघन किया है। तब पाकिस्तान को जोरदार झटका लगा था क्योंकि अदालत ने जाधव के पक्ष में 15-1 से फ़ैसला सुनाया है।
कोर्ट ने फ़ैसले में कहा था कि इस मामले का दोबारा ट्रायल होना चाहिए और पाकिस्तान को इस फ़ैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। आईसीजे फ़ैसले को भारत की बड़ी जीत माना गया था।
49 साल के नेवी के रिटायर्ड अफ़सर जाधव को 3 मार्च 2016 को पाकिस्तान ने गिरफ़्तार कर लिया था। पाकिस्तान का आरोप है कि कुलभूषण जाधव जासूस हैं जबकि भारत का कहना है कि जाधव कारोबार के सिलसिले में ईरान गये थे।
पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल, 2017 में जाधव को मौत की सजा सुनाई थी। लेकिन भारत ने इसके ख़िलाफ़ 8 मई, 2017 को आईसीजे में अपील की थी। भारत ने कहा था कि जाधव तक काउंसलर एक्सेस देने से बार-बार इनकार करके पाकिस्तान ने वियना संधि के प्रावधानों का उल्लंघन किया है।
दिसंबर 2017 में पाकिस्तान ने जाधव की माँ अवंति और पत्नी चेतना को उनसे मिलने की अनुमति दी थी। तब भारत ने आरोप लगाया था कि उस दौरान पाकिस्तान की सरकार ने जाधव की माँ और पत्नी का उत्पीड़न किया था। भारत ने कहा था कि दोनों से उनके कपड़े बदलने और मंगलसूत्र उतारने के लिए कहा गया था और उन्हें मराठी और हिंदी में बोलने से रोका था।
अपनी राय बतायें