भारतीय सेना ने कोरोना की रोकथाम, संक्रमण फैलने की स्थिति में उपचार और दूसरे मामलों में नागरिक प्रशासन और स्थानीय सरकारों की भरपूर मदद करने की कार्य योजना तैयार कर ली है।
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कमान्ड हॉस्पिटल तैयार हैं, क्विक मेडिकल टीम बना ली गई है, हेल्पलाइन नंबर काम कर रहे हैं और छह घंटे के अंदर आईसीयू बनाने की तैयारी पूरी कर ली गई है।
सेना का फ़ोकस सरकार के कहने पर तुरत-फुरत उसके अनुसार सेवाएं मुहैया कराने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने पर है।
थल सेनाध्यक्ष जनरल एम. एम. नरवाणे ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में पूरी कार्य योजना के बारे में विस्तार से बताया।
जनरल नरवाणे ने कहा कि स्थानीय नागरिक प्रशासन के कहने पर मेडिकल सेवाएं, सुविधाएं और उपकरण वगैरह मुहैया कराया जाएगा। सभी कमान्ड अस्पतालों से कह दिया गया है कि वे पूरी तरह तैयार रहें। उन्हें अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं को अभी से बढ़ा कर दुरुस्त रखने को कहा गया है। मुख्य तैयारियाँ :
- मेन हॉस्पिटल, कमांड हॉस्पिटल और ब्रांच हॉस्पिटल को तैयार रखा गया है।
- सभी कमान्ड हॉस्पिटल से कहा गया है कि वे इस तरह की तैयारी रखें कि ज़रूरत पड़ने पर छह घंटे के अंदर 45 बिस्तरों वाला अस्पताल बना दें।
- सभी कमान्ड हॉस्पिटल से कहा गया है कि वे 10 बिस्तरों वाला आईसीयू बनाने को तैयार रहें।
- 30 प्रतिशत फ़ील्ड हॉस्पिटल कोरोना संक्रमितों के लिए तैयार रखे गए हैं।
- क्विक रिएक्शन मेडिकल टीम तैयार रखे गए हैं जिन्हें आपात स्थिति में तैनात कर सकते हैं।
- हर कमान्ड एरिया के लिए अलग हेल्पलाइन बनाया गया है।
क्वरेन्टीन केंद्र
इसके अलावा सेना ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पहले भी कुछ काम किए हैं। सेना ने दिल्ली के नज़दीक मनेसर, राजस्थान के जैसलमेर और जोधपुर में विशेष क्वरेन्टाइन केंद्र बना रखे हैं। यहाँ चीन, इटली और ईरान से कोरोना संक्रमित लोगों को ला कर रखा गया।मनेसर में 372 लोगों को क्वरेन्टाइन कर उनके घर भेज दिया गया है। फ़िलहाल 82 लोग इस केंद्र में हैं। जैसलमेर में में 484 और जोधपुर में 277 लोगों को क्वरेन्टाइन किया जा रहा है। इन्हें ईरान से लाया गया था।
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