मंगलवार दोपहर जब राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात करेंगे, दोनों देशों के बीच 5 समझौतों पर दस्तख़त किए जाने की संभावना है। ये क़रार दोनों देशों के मजबूत होते रिश्तों के प्रतीक तो होंगे ही, दक्षिण पूर्व एशिया में नए राजनीतिक समीकरण और उसमें भारत की बदलती स्थिति के भी सबूत होंगे।
इसकी पूरी संभावा है कि दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी रेल सुरक्षा, बौद्धिक संपदा कानून, परमाणु सौदे के तहत रिएक्टर समझौता, रक्षा सौदा और सीमित व्यापारिक क़रार पर दस्तख़त करें। हालांकि व्यापार समझौते की संभावना बहुत ही कम है क्योंकि ट्रंप ने साफ़ कह दिया है कि वह इस बार भारत से व्यापार समझौता नहीं करने जा रहे हैं, समय आने पर करेंगे। पर उन्होंने यह भी कहा है कि यदि उन्हें अच्छे प्रस्ताव मिले तो वह सीमित समझौता कर सकते हैं।
एच-1बी वीज़ा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि ट्रंप की यात्रा के दौरान एशिया-प्रशांत क्षेत्र में आपसी संबंध बढ़ाने और एच-1बी वीज़ा के मुद्दे को उठाया जाएगा। ट्रंप प्रशासन ने वीज़ा के नियम कड़े कर दिए हैं। इससे भारतीयों को वीज़ा पाने में दिक्क़तें हो रही हैं। पर यह भी सच है कि इस बार भी सबसे ज़्यादा वीज़ा भारतीयों को ही मिले हैं। तालिबान समझौता और चीन
ट्रंप-मोदी के बीच होने वाली बातचीत में सामरिक मुद्दे हावी रहने के आसार हैं। इसके पूरे आसार हैं कि दोनों नेता अमेरिका और तालिबान के बीच होने वाली शांति वार्ता पर बात करें। बता दें कि अमेरिका और तालिबान के बीच बातचीत पूरी हो चुकी है और दोनों 29 फरवरी को औपचारिक रूप से इस पर दस्तख़त करेंगे। इसके अलावा नरेंद्र मोदी चीन से पाकिस्तान को मदद मिलने की बात भी रखेंगे।
रक्षा सौदे
सोमवार को मोटेरा स्टेडियम में अपने भाषण के दौरान डोनल्ड ट्रंप ने साफ़ कर दिया कि उनकी नज़र भारत की सामरिक ज़रूरतों पर है। वह यहाँ ज़्यादा से ज़्यादा हथियार बेचना चाहते हैं और भारतीय बाज़ार पर कब्जा करना चाहते हैं।
ट्रंप यह बात अच्छी तरह से जानते हैं कि भारत हथियारों का एक बड़ा खरीदार है। वह इस मामले में भारत के पारंपरिक हथियार स्रोत रूस को पीछे धकेलने की जुगत में हैं। भारत के रूस के साथ एस-400 एअर डिफेंस मिसाइल सिस्टम का सौदा करने के बाद ट्रंप बेचैन हो गए थे।
भारत अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन से सी हॉक हेलीकॉप्टर खरीदने का फ़ैसला कर चुका है। इन हेलीकॉप्टरों की कीमत 2.6 अरब डॉलर है। मंगलवार को इस पर दस्तख़त हो जाएंगे, यह तय है। भारत पहले ही अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा अमेरिका के साथ कर चुका है। ट्रंप की कोशिश होगी कि वह भारत को मिसाइल तकनीक, लड़ाकू विमान और दूसरे तरह के हथियार बेचें। कल ही इन पर समझौता नहीं होगा, पर इस पर होने वाली बातचीत की नींव रखी जा सकती है।
परमाणु बिजलीघर
भारत-अमेरिका के बीच 2008 में ऐतिहासिक परमाणु समझौता हुआ था। जिसके बाद इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया था कि वेस्टिंगहाउस और न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआईएल) आंध्र प्रदेश के कोव्वादा में 1100 मेगावाट के छह रिएक्टर बनाने की बात कर रहे हैं।परमाणु समझौते के तहत किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर पूरी जिम्मेदारी सप्लायर पर डालने के प्रावधान से अमेरिका चिंतित था। हालांकि इसमें ऑपरेटर की भूमिका को भी शामिल किया गया है। वहीं बीमा कवर देने की भी बात है जिसके बाद अमेरिकी कंपनियों ने उत्सुकता दिखाई है।
व्यापार
हालांकि व्यापार पर किसी समझौते की उम्मीद नहीं है। पर ट्रंप भारत पर यह दबाव डाल सकते हैं कि वह उनके चुनिंदा उत्पादों पर आयात शुल्क में कटौती करे। ट्रंप भारत को कह सकते हैं कि वह कार्डियक स्टेंट और नी कैप जैसे मेडिकल उत्पादों पर करों में कटौती करे। इसके अलावा अमेरिका अपने कृषि उत्पादों पर हाल फिलहाल लगे अतिरिक्त टैक्स से भी परेशान है, वह यह माँग कर सकता है कि कम से कम इन्हें पहले के स्तर पर ले आए।
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