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भारत ने क्यों निलंबित किया चीनी नागरिकों का पर्यटन वीजा?

चीन के विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों को चीन जाने की अनुमति नहीं दिए जाने का भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया है! इसने चीन के नागरिकों का पर्यटक वीजा निलंबित कर दिया है। भारत ने इससे पहले भारतीय छात्रों की स्थिति को लेकर कई बार आगाह किया था। हाल ही मे विदेश मंत्रालय ने चीन के साथ इस मुद्दे को उठाया था। लेकिन चीन ने उस पर अब तक कोई भी फ़ैसला नहीं ले पाया था।

इस बीच अब भारत द्वारा यह क़दम उठाए जाने की ख़बर आई है। वैश्विक एयरलाइंस संस्था इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन यानी आईएटीए ने 20 अप्रैल को अपने सदस्य एयरलाइंसों को जानकारी दी है कि भारत ने चीन के नागरिकों का पर्यटक वीजा निलंबित कर दिया है।

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आईएटीए ने भारत के संबंध में 20 अप्रैल को एक सर्कुलर जारी किया है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इसने कहा कि चीन के नागरिकों को जारी किए गए पर्यटक वीजा अब मान्य नहीं हैं। इसने कहा कि इन यात्रियों को भारत में प्रवेश करने की अनुमति है- भूटान, भारत, मालदीव और नेपाल के नागरिक; भारत द्वारा जारी निवास परमिट वाले यात्री; भारत द्वारा जारी वीज़ा या ई-वीज़ा वाले यात्री; भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई) कार्ड या बुकलेट वाले यात्री; भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) कार्ड वाले यात्री; और राजनयिक पासपोर्ट वाले यात्री। इसने यह भी कहा है कि 10 साल की वैधता वाले पर्यटक वीजा भी अब मान्य नहीं हैं।

बता दें कि भारत की तरफ़ से यह प्रतिक्रिया तब आई है जब चीन ने भारतीय छात्रों की समस्या को लेकर कोई क़दम नहीं उठाया। भारत चीन के साथ चीनी विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले क़रीब 22,000 भारतीय छात्रों की दुर्दशा को उठाता रहा है। ये छात्र फिजिकल रूप से कक्षाओं में शामिल होने के लिए वहाँ वापस जाने में असमर्थ हैं। ऐसा इसलिए है कि चीन ने आज तक उन्हें अंदर जाने से रोका है।

इन छात्रों को चीन में अपनी पढ़ाई छोड़कर तब भारत आना पड़ा था जब 2020 की शुरुआत में कोरोना महामारी शुरू हुई थी।

इसको लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 17 मार्च को कहा था कि भारत ने बीजिंग से इस मामले में सौहार्दपूर्ण रुख अपनाने का आग्रह किया है क्योंकि सख्त प्रतिबंधों की वजह से हजारों भारतीय छात्रों का शैक्षणिक करियर ख़तरे में है।

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रिपोर्ट के अनुसार बागची ने कहा कि चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 8 फरवरी को कहा था कि चीन इस मामले को समन्वित तरीके से देख रहा है और विदेशी छात्रों को चीन लौटने की अनुमति देने की व्यवस्था की जांच की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि लेकिन इसके बावजूद आज तक चीनी पक्ष ने भारतीय छात्रों की वापसी के बारे में कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है। 

बागची ने कहा है कि वे चीनी पक्ष से अपने छात्रों के हित में एक अनुकूल रुख अपनाने का आग्रह करना जारी रखेंगे और यह कि वे चीन में जल्द वापसी की सुविधा दें ताकि हमारे छात्र अपनी पढ़ाई कर सकें। उन्होंने यह भी कहा पिछले साल सितंबर में एक बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुद्दे को चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ भी उठाया था।

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क़मर वहीद नक़वी
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