भारत अब दुनिया में चौथा सबसे ज़्यादा कोरोना वायरस प्रभावित देश बन गया है। यानी भारत कोरोना संक्रमण के मामले में चौथे स्थान पर आ गया है। इसने इंग्लैंड को पीछे छोड़ दिया है। भारत में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 2 लाख 95 हज़ार 772 हो गई है। इंग्लैंड में यह संख्या 2 लाख 91 हज़ार 588 ही है। भारत से आगे अब सिर्फ़ रूस, ब्राज़ील और अमेरिका ही हैं। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, रूस में यह संख्या क़रीब 4 लाख 93 हज़ार, ब्राज़ील में 7 लाख 72 हज़ार और अमेरिका में 20 लाख से ज़्यादा है।
छह दिन पहले ही इस मामले में भारत पाँचवें स्थान पर पहुँचा था। इसने उस स्पेन को पीछे छोड़ दिया था जो एक समय यूरोप में कोरोना संक्रमण का केंद्र था। 6 जून को ही भारत सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले में इटली से भी आगे निकल कर छठे स्थान पर आ गया था।
भारत में एक हफ़्ते से ज़्यादा समय से हर रोज़ क़रीब 9000-10000 के बीच संक्रमण के नये मामले सामने आ रहे हैं। और यह संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। भारत जिस इंग्लैंड को पीछे छोड़कर आगे निकला है वहाँ आजकल हर रोज़ क़रीब 1 हज़ार नये मामले सामने आ रहे हैं। भारत में तो एक राज्य महाराष्ट्र में ही हर रोज़ क़रीब 2500-3000 नये मामले आ रहे हैं।
वैसे भी नीति आयोग से लेकर एम्स जैसे संस्थान तक और विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत में जून और जुलाई में कोरोना संक्रमण शिखर पर होगा। यानी तब तक हर रोज़ आने वाले संक्रमण के मामले बढ़ते रहेंगे।
भारत में कोरोना संक्रमण के मामले तभी बढ़े हैं जब देश में 25 मार्च को लॉकडाउन किया गया था। लॉकडाउन के दौरान भारत में संक्रमण के मामले क़रीब 550 ही थे। यानी भारत में जो यह संख्या 3 लाख तक पहुँचने वाली है यह लॉकडाउन के दौरान ही इतनी बढ़ी है। माना जा रहा है कि भारत में जो लॉकडाउन किया गया है वह दुनिया भर में सबसे सख़्त और सबसे ज़्यादा लंबे समय तक किया गया है।
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