अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मन दूत की टिप्पणी पर भारत ने शनिवार 23 मार्च को कड़ा विरोध दर्ज कराया। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि जर्मन दूत की टिप्पणी "भारत के आंतरिक मामलों में ज़बरदस्त हस्तक्षेप" है।
जर्मन दूतावास के मिशन के उप प्रमुख, जॉर्ज एनज़वीलर को 23 मार्च को विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक विरोध दर्ज कराने के लिए बुलाया। एन्ज़वीलर को शनिवार सुबह दिल्ली के साउथ ब्लॉक में विदेश मंत्रालय कार्यालय से बाहर निकलते देखा गया।
जर्मन विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि केजरीवाल के मामले की निष्पक्ष सुनवाई होगी, क्योंकि भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र है। जर्मनी ने कहा था कि "हमने इस मुद्दे पर ध्यान दिया है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हम मानते हैं और उम्मीद करते हैं कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों से संबंधित मानकों को इस मामले में भी लागू किया जाएगा। आरोपों का सामना करने वाले किसी भी व्यक्ति की तरह, केजरीवाल निष्पक्ष और न्याय के हकदार हैं। इस बात में यह भी शामिल है कि वह बिना किसी प्रतिबंध के सभी उपलब्ध कानूनी रास्तों का उपयोग कर सकते है। जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "निर्दोष होने का अनुमान कानून के शासन का एक केंद्रीय तत्व है और उसे उन पर लागू होना चाहिए।"
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— Richard Walker (@rbsw) March 22, 2024
German Foreign Ministry spokesperson comments on the arrest of Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal pic.twitter.com/SYUN56abBe
केजरीवाल को कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले मामले में गिरफ्तार किया गया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने AAP नेता पर "मुख्य साजिशकर्ता" होने का आरोप लगाया है। ईडी का मानना है कि रद्द हो चुकी शराब नीति से शराब कर्टेल ने फायदा उठाया। जिसमें साउथ का ग्रुप भी शामिल था। साउथ कर्टेल से कथित तौर पर जुड़ी बीआरएस एमएलसी और पूर्व सीएम के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता को पहले ही ईडी गिरफ्तार कर चुकी है।
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