loader

भारत में भी हो सकता है लंदन जैसा लोन वुल्फ़ आतंकवादी हमला?

शुक्रवार को लंदन ब्रिज़ पर हुए हमले से कई सवाल खड़े हो गए हैं। क्या यह लोन वुल्फ़ टेरर अटैक था? क्या भारत में इस तरह के हमलों की संभावना को पूरी तरह खारिज किया जा सकता है? हमलावर की पहचान हो चुकी है, यह साफ़ हो गया है कि इसके पहले आतंकवाद से जुड़े आरोपों पर उसे जेल की सज़ा हुई थी और वह ज़मानत पर था। 

देश से और खबरें

क्या हुआ लंदन में? 

केंद्रीय लंदन में स्थित लंदन ब्रिज पर हुई छुरेबाज़ी की घटना में दो लोगों की मौत हो गई है। इसके साथ ही पुलिस की गोली से संदिग्ध हमलावर की भी मौत हो गई है। पुलिस ने लंदन ब्रिज पर हुई वारदात में शामिल हमलावर की पहचान पाकिस्तानी मूल के उस्मान ख़ान के रूप में की है। उसकी उम्र करीब 28 साल है, वह जमानत पर जेल से बाहर था।लंदन मेट्रोपोलिटन पुलिस ने इस हमले को 'आतंकी घटना' क़रार दिया है। 
लंदन ब्रिज के एक रेस्टॉरेंट में फंसी हुई नोआ बॉडनर ने बीबीसी न्यूज़ चैनल से कहा, 'लोगों की भीड़ अंदर आ रही थी और हर कोई टेबल के नीचे घुस रहा था।'

क्या होता है लोन वुल्फ़ हमला?

लोन वुल्फ़ टेरर अटैक उस तरह की वारदात को कहते हैं जिसमें कोई एक आतंकवादी अपनी मर्ज़ी से फ़ैसले लेता है और हमला कर देता है। यह कोई ज़रूरी नहीं कि वह किसी आतंकवादी गुट से जुड़ा हुआ हो, उनसे हथियार और पैसे ले रहा हो, उनके निर्देश पर काम कर रहा हो या उसका कोई हैंडलर हो।

लोन वुल्फ़ आतंकवादी हमले की बात तब सामने आई जब आतंकवादी गुट इसलामिक स्टेट के सरगना अबू बक़र-अल-बग़दादी ने 2016 में मुसलमानों से अपील की थी कि वे ख़ुद अकेले ग़ैर-मुसलमानों और इसलाम के विरोधियों को चुनें और उन्हें निशाना बनाएँ। उनका यह काम जिहाद की श्रेणी में आएगा। उसके बाद दुनिया के अलग-अलग जगहों पर कई बार इस तरह की वारदात हुई जब किसी ने ट्रक भीड़ में घुसा दी हो या अपनी गाड़ी लोगों पर चढ़ा दी हो या ताबड़तोल गोलियाँ चला कर कई लोगों को मार दिया हो या चाकूबाजी से कई लोगों की जान ले ली हो।  

भारत में लोन वुल्फ़ आतंकवादी हमले की बात तब सामने आई जब राजस्थान में शंभूलाल रैगर नामक एक शख़्स ने अफ़राजुल हक़ नामक एक मजदूर पर इसलिए गैंती से हमला कर दिया क्योंकि उसे लगा था कि वह लव जिहाद से जुड़ा हुआ है।
रैगर ने एक वीडियो में कहा, ‘मैं एक जिहादी को उसके अंजाम तक पहुँचा रहा हूँ। मुझे पता है विरोधी राजनीति वाले मुझे आतंकवादी और देशद्रोही बना देंगे। मैं अपने ख़ुशहाल परिवार को दुखी कर रहा हूँ। मुझे देश में आतंकवादी हमले में मरने वाले लोगों में मान लिया जाए।’

एक दूसरी वारदात में उत्तर प्रदेश में दो मुसलमानों ने हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी के घर घुस कर उनकी हत्या कर दी। हमलावरों ने पहले तिवारी से फ़ेसबुक के जरिए संपर्क साधा, उनका विश्वास जीता, फिर उनके घर जाकर बेहद बेहरम तरीके से उन्हें मार डाला।
तिवारी पहले हिंदू महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष थे, लेकिन बाद में उन्होंने हिंदू समाज पार्टी बना ली थी। 2015 में पैगंबर मुहम्मद साहब को लेकर विवादित बयान देने पर उन्हें जेल भी हुई थी और तब तिवारी के ख़िलाफ़ लाखों मुसलमान सड़कों पर उतर आए थे और उन्होंने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया था। लखनऊ पुलिस ने तिवारी के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (एनएसए) लगाया था, लेकिन एक साल बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने इसे हटा दिया था। 

पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर दिये गये विवादित बयान के बाद बिजनौर के एक मौलाना अनवारुल हक़ ने 2016 में कमलेश का सिर कलम करने पर 51 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।

भारत में लोन वुल्फ़ आतंकवादी हमले की आशंका ज़्यादा इसलिए है कि यहाँ तेज़ी से धार्मिक ध्रुवीकरण हुआ है और अभी होता ही जा रहा है। अल्पसंख्यकों, ख़ास कर मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत का माहौल तैयार किया जा रहा है। कई जगहों पर उन्हें गाय काटने या बीफ़ खाने या रखने की वजहों से हमले हुए हैं। ज़्यादातर मामलों में हमलावर अंत में रिहा कर दिए गए हैं, उन्हें सज़ा नहीं मिली है। कई मामलों में राजनीतिक दलों ने ऐसे हमलावरों की मदद की है। इन स्थितियों में प्रतिक्रिया भी हो सकती है। ऐसे हालत में लोन वुल्फ़ हमले की संभावना बढ़ जाती है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
प्रमोद मल्लिक
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें