कोरोना से लड़ने के लिए भारत को 3.80 करोड़ मास्क और 62 लाख पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट चाहिए। इसके अलावा बहुत बड़ी तादाद में वेंटीलेटर, आईसीयू मॉनीटर, जाँच उपकरण और दूसरी चीजों की ज़रूरत है।
समाचार एजेन्सी रॉयटर्स ने यह ख़बर दी है। उसने कहा है कि इनवेस्ट इंडिया ने वेंटीलेटर, आईसीयू मॉनीटर, प्रोटेक्टिव उपकरण, जाँच उपकरण और मास्क वगैरह के लिए 730 कंपनियों से संपर्क किया है। इनमें से 319 कंपनियों ने दिलचस्पी ली है और जवाब दिया है।
एक चौथाई मास्क उपलब्ध
ख़बर के मुताबिक़, इनवेस्ट इंडिया के दस्तावेज़ में कहा गया है कि इन कंपनियों के पास 91 लाख मास्क मौजूद हैं। इसके अलावा फ़िलहाल 8 लाख कवरऑल भी मिल सकते हैं। लेकिन इनवेस्ट इंडिया का अनुमान है कि भारत को कम से कम 3.80 करोड़ मास्क की ज़रूरत है, इनमें से 1.40 करोड़ मास्क राज्य सरकारों को चाहिए, बाकी केंद्र सरकार की ज़रूरत है।
इसके अलावा केंद्र सरकार को 62 लाख पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट की ज़रूरत पड़ सकती है। इन उपकरणों में मास्क, कवरऑल, गाउन और सर्जिकल मास्क शामिल हैं।
ये आँकड़े राज्यों और केंद्र -शासित क्षेत्रों की ज़रूरतों के आधार पर तैयार किए गए हैं। इनवेस्ट इंडिया केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिल कर काम करता है।
स्वास्थ्य अधिकारी लव अग्रवाल ने रॉयटर्स से कहा कि स्वास्थ्य से जुड़े उपकरणों की आपूर्ति की भरपूर कोशिश की जा रही है।
प्रोटेक्टिव उपकरणों के लिए टाटा देगा 500 करोड़
शनिवार को टाटा समूह ने
पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट खरीदने के लिए केंद्र सरकार को 500 करोड़ रुपए देने का एलान किया है। टाटा ट्रस्ट ने एक बयान में कहा है कि इस पैसे से पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट खरीदे जाएंगे। इसमें मास्क, गाउन, ओवरऑल और सर्जिकल मास्क जैसी चीजें शामिल हैं। इसके अलावा जांच के उपकरण, सांस लेने के उपकरण वगैरह खरीदे जा सकेंगे।
सरकार पर आरोप
इसके पहले सरकार पर आरोप लगा था कि उसने
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की चेतावनी के बावजूद कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए मास्क, दस्ताने और गाऊन जैसे प्रोटेक्टिव उपकरण एकत्रित करने की कोई कोशिश नहीं की। इसके उलट सरकार ने इसके निर्यात पर कोई रोक नहीं लगाई, जिस वजह से इसकी कमी हो गई और कीमत आसमान छूने लगी। सरकार जब तक चेतती और निर्यात पर रोक लगाती, बहुत देर हो चुकी थी।
'द कैरेवन' ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने समय रहते ही यानी 3 हफ़्ते पहले ही भारत को आगाह कर दिया था कि कोरोना संक्रमण फैल सकता है और इसे रोकने के लिए समय रहते ही भारत पर्याप्त संख्या में पर्सनल प्रोटेक्टिव उपकरणों का इंतजाम कर ले।
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